न्यूज डेस्क
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर न जाने एलान किया है। बता दें कि पुलिस कमिशनर ने एनसीपी सुप्रीमो से मिलकर ईडी ऑफिस न जाने की अपील की थी, जिसके बाद उन्होंने ये घोषणा की।
इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि बैंक घोटाले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। इस लिए वे ईडी दफ्तर जाने को तैयार थे, लेकिन कानून व्यवस्था न बिगड़े इसलिए उन्होंने अपना फैसला बदल दिया। साथ में उन्होंने ये भी कहा कि पूरा विपक्ष एक साथ है।
दरअसल, महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में ईडी ने शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार सहित अन्य 70 के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ये घोटाला 25 हजार करोड़ रुपये का है। शरद पवार और जयंत पाटिल समेत बैंक के अन्य डायरेक्टर के खिलाफ बैंकिंग और आरबीआई के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। इन्होंने कथित तौर पर चीनी मिल को कम दरों पर कर्ज दिया था और डिफॉल्टर की संपत्तियों को कोड़ियों के भाव बेच दिया था।
आरोप है कि इन संपत्तियों को बेचने, सस्ते लोन देने और उनका पुनर्भुगतान नहीं होने से बैंक को 2007 से 2011 के बीच 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और तत्कालीन वित्त मंत्री अजित पवार उस समय बैंक के डायरेक्टर थे।
हालांकि, ईडी की ओर से उन्हें पेशी का नोटिस नहीं दिया गया। शरद पवार का कहना था कि वह बैंक घोटाले में एफआईआर के खिलाफ ईडी दफ्तर जाएंगे और अपना पक्ष रखेंगे। वहीं, ईडी ने कहा कि उन्हें दफ्तर में आने की इजाजत नहीं होगी। प्रवर्तन निदेशालय ने शरद पवार को ई-मेल भेजा, जिसमें कहा गया है कि वो आज ईडी के दफ्तर ना आएं लेकिन पवार ईडी दफ्तर जाने पर अड़े रहे।
इस बीच उन्होंने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वे ईडी दफ्तर न आए, लेकिन इसके बाद भी ईडी दफ्तर के बाहर एनसीपी कार्यकर्ता जमा हो गए, जिसके बाद वहां धारा 144 लागू कर दिया गया। वहीं, पुलिस कमिश्नर ने शरद पवार से मिलकर उन्हें ईडी आफिस न जाने की अपील की, जिसे उन्होंने माल ली।
दूसरी ओर ईडी की शरद पवार पर केस दर्ज करने के बाद बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना भी शरद पवार के समर्थन में आ गई है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि शरद पवार भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह हैं। पूरा महाराष्ट्र जानता है कि जिस बैंक में घोटाले को लेकर ईडी ने एफआईआर में नाम दर्ज किया है, उस बैंक में शरद पवार किसी भी पद पर नहीं रहे हैं।
शिवसेना सांसद ने कहा, शिकायतकर्ता ने भी कहा है कि उन्होंने शरद पवार का कहीं भी नाम दिया था। अन्ना हजारे भी उन्हें क्लीनचिट दे चुके हैं। संजय राउत ने कहा कि शरद पवार ने महाराष्ट्र और कृषि क्षेत्र में बहुत काम किया है। पवार से हमारी पार्टी और विचारधारा अलग हैं, लेकिन मैं ये कहूंगा कि ईडी ने उनके साथ गलत किया है।
दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी शरद पवार का समर्थन किया है। राहुल गांधी ने कहा है सरकार बदले की भावना से उन पर कार्रवाई कर रही है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह शरद पवार को निशाना बनाया जा रहा है, उससे ऐसा लग रहा है कि ये मौके की राजनीति है।
राहुल गांधी ने ये दावा भी किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पवार के खिलाफ हो रही कार्रवाई से अवसरवाद की बू आती है।