न्यूज़ डेस्क
लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त कदम उठाये है। लेकिन कोर्ट के इस फैसले से शादियों में डांस के शौकीनों के लिए बुरी खबर हो सकती है। जी हां ध्वनि प्रदूषण और यातायात संबंधी समस्या को देखते हुए हाईकोर्ट में अंतरिम आदेश दिया है।
कोर्ट द्वारा जारी किये गये आदेश में कहा गया है कि अब दूल्हे के घर वाले सौ मीटर से ज्यादा दूरी तक सड़कों पर बारात नहीं घुमा सकेंगे। अब शादी घर से अधिकतम सौ मीटर की दूरी पर ही बारात निकाल पाएंगे।
यही नहीं इसके अलावा अगर कोई ज्यादा दूरी की बारात निकालता है तो उससे होने वाले ध्वनि प्रदूषण और ट्रैफिक जाम का जुर्माना शादी घर के संचालक से लिया जाएगा।
साथ ही कोर्ट ने शादियों में डीजे पर लगी पाबंदी के नियम को और कठिन बना दिया है। कोर्ट ने पहले डीजे बजने पर एक लाख, दूबारा बजने पर पांच लाख और तीसरी बार बजाने पर दस लाख जुर्माना लगाने का आदेश दिया है।
जबकि तीन बार से ज्यादा पकड़े जाने पर शादी घर और डीजे संचालक का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा होगा। डीजे पर पूरी तरह पाबंदी अब भी बरकरार है। कोर्ट ने कहा है कि लाउडस्पीकर इतनी धीमी आवाज में बजाय जाए जिससे किसी को कोई दिक्कत न हो।
ध्वनि प्रदूषण और बारात की वजह से होने वाले ट्रैफिक जाम की शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम में की जा सकेगी। कोर्ट ने यह आदेश शिव वाटिका बारात घर और अन्य की याचिकाओं पर दिया है। जस्टिस पीकेएस बघेल और जस्टिस पंकज भाटिया की डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई की है।
हालांकि, इस मामले की सुनवाई छह नवंबर को फिर से होगी। इसके अलावा कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण से इस मामले में रिपोर्ट सौंपने के भी आदेश दिए हैं।
वहीं, अदालत ने कहा है कि सभी शादी घरों से इस बारे में एक हलफनामा लिया जाए कि वो इस नियम का सख्ती से पालन करेंगे। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार बाइलॉज बनाया जाये।