जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार में सुलह की खबरें सुर्ख़ियों में हैं। लगातार चुनावों में मिल रही हार से जूझ रही समाजवादी पार्टी में नए समीकरण बन रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शिवपाल यादव की विधायकी समाप्त करने वाली याचिका समाजवादी पार्टी वापस ले रही है और अखिलेश यादव अब अपने चाचा रामगोपाल यादव से नाराज हैं।
इस सबके बीच एक सवाल और बनता है कि आखिर अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच नजदीकी लाने में जब मुलायम सिंह यादव थक गए तो आखिर वह कौन है जो समाजवादी कुनबे को फिर से एक करने में भूमिका निभा रहा है।
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दरअसल ये पहल है परिवार के ही एक और नेता धर्मेन्द्र यादव की। सूत्रों की माने तो चाचा शिवपाल को मनाने का काम भी उन्हीं का दूसरा भतीजा कर रहा है और इसमें उसको साथ मिला हुआ है मुलायम सिंह यादव का।
इस पूरे घटनाक्रम में धर्मेन्द्र यादव का नाम बीच में आ रहा है। शिवपाल यादव का गुट हो या फिर अखिलेश यादव का धर्मेन्द्र यादव दोनों के ही खास हैं। इतना ही नहीं धर्मेन्द्र यादव युवाओं और छात्रों में भी बड़े लोकप्रिय हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच की दूरियों को मिटाने के लिए कई बैठकें हुई हैं। इन बैठकों में किसी भी बाहरी व्यक्ति को शामिल होने पर सख्त रोक है और सुलह की पूरी जिम्मेदारी समाजवादी परिवार के चाणक्य कहे जाने वाले धर्मेन्द्र यादव पर है।
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