न्यूज डेस्क
जून माह में जब तबरेज अंसारी का वीडियो वायरल हुआ था तो वीडियो देखने वाले अधिकांश लोग विचलित हो गए थे। भीड़ ने किस कदर तबरेज को पीटा था। संसद में भी यह मुद्दा उठा था। मॉब लिंचिंग को लेकर पूरे देश में बहस शुरु हो गया था, लेकिन नतीजा ढ़ाक का तीन पात निकला। मॉब लिंचिंग के मामले रुकने के बजाए बढ़ गये। अकेले झारखंड में सितंबर माह में मॉब लिंचिंग के चार मामले सामने आ चुके हैं।
एक बार फिर झारखंड में मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है। गोकशी के शक में खूंटी जिले में रविवार को भीड़ ने पीट-पीटकर एक युवक की हत्या कर दी जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
पुलिस के मुताबिक खूंटी के जलटंडा सुआरी गांव में 22 सितंबर को सुबह 10 बजे के आसपास भीड़ ने इन लोगों पर उस वक्त हमला किया, जब ये लोग कथित तौर पर एक जानवर के शव से मांस निकाल रहे थे।
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, छोटानागपुर रेंज के डीआईजी होमकर अमोल वेणुकांत ने बताया, ‘तीन गांव वाले कथित तौर पर प्रतिबंधित पशु को मारने के लिए ले जा रहे थे। इनकी पहचान कलंतुस बारला, फिलिप होरो और फागु कछप के रूप में हुई है। इन लोगों को अन्य ग्रामीणों ने देखा और इनकी पिटाई करनी शुरू कर दी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें अस्पताल ले गई। इस बीच बारला ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। अन्य दो की हालत गंभीर है।’
डीआईजी ने कहा कि अभी तक इस मामले की किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया। कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस घटना के बारे में सटीक जानकारी नहीं है और मामले की जांच की जा रही है।
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गौरतलब है कि बीते 18 जून को झारखंड के सरायकेला-खरसावां में बाइक चोरी के आरोप में भीड़ के हमले में 22 साल के तबरेज अंसारी की मौत हो गई थी। तबरेज की मौत पर खूब हंगामा हुआ था। संसद में भी तबरेज का मुद्दा उठा था।
मालूम हो झारखंड में अकेले सितंबर में मॉब लिंचिंग की तीन घटनाएं हो चुकी हैं। साहिबगंज जिले में 11 सितंबर को बच्चा चोरी के शक में एक 70 साल के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी, तो वहीं तीन सितंबर को रामगढ़ जिले में पचास से अधिक लोगों की भीड़ ने एक शख्स को बुरी तरह से पीटा था, जिसने अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही दम तोड़ दिया था।
इसके अलावा छह सितंबर को धनबाद के कागती पहाड़ी गांव में बच्चा चोरी की अफवाह में ही एक और शख्स की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
मालूम हो कि झारखंड में बीते तीन सालों में चोरी, बच्चा चोरी और गोहत्या के आरोप में भीड़ हमले में 21 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, जनवरी 2017 से लेकर अब तक राज्य में जादू-टोने के शक में 90 से अधिक लोगों को मार दिया गया है।
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