न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अमेरिका के ह्यूस्टन में हुए हाउडी मोदी कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने हाथों-हाथ लिया है। अमेरिका और यूरोप के मीडिया संस्थानों ने जहां एक तरफ मोदी-ट्रंप के इस मुलाकात और हाउडी मोदी कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया।
लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाउडी मोदी कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के लिए ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ बयान के बाद भारत में विपक्षी दल उनपर हमलावर हो गए हैं। कांग्रेस ने इसे तय भारतीय विदेश नीति का उल्लंघन करार दिया है।
दूसरे दल की सरकार बनी तो
वहीं, जानकार भी इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि अगर अगली बार अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार नहीं बनी तो क्या होगा। पीएम मोदी द्वारा ट्रंप के समर्थन में बोलने के बाद ये बात तो साफ हो गई है कि अगर अगली बार डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनी तो कहीं न कहीं वो भारत के लिए अच्छा ही होगा। लेकिन अगर दूसरे दल की सरकार बनी तो उसका पीएम मोदी और भारत के लिए कैसा रूख होगा, ये देखना दिलचस्प होगा।
ट्रंप-मोदी के बीच की केमेस्ट्री
गौरतलब है कि रविवार को हाउडी मोदी कार्यक्रम में डोनाल्ड ट्रंप-नरेंद्र मोदी के बीच की केमेस्ट्री पर हर किसी की नज़र रही। स्टेज पर एंट्री से लेकर एग्जिट तक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे जोश में रहे और हर मोर्चे पर उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप की अगवानी की। फिर चाहे स्टेज पर ट्रंप का अपने ही अंदाज में परिचय करवाना हो या फिर कार्यक्रम के अंत में ट्रंप का हाथ पकड़ पूरे मैदान का चक्कर लगाना।
हालांकि, विपक्ष पीएम मोदी की विदेश नीति पर सवाल खड़े करता रहा है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां ‘हाउडी, मोदी’ कार्यक्रम में डॉनल्ड ट्रंप को 2020 में पुन: निर्वाचित करने के लिए रविवार को लोगों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा ‘अबकी बार, ट्रंप सरकार’।
ट्रंप का स्वागत करते हुए मोदी ने कहा, ‘पहले भी हमारे बीच कुछ मुलाकातें हुई हैं और हर बार वह गर्मजोशी, मित्रतापूर्वक, ऊर्जावान तरीके से मिलते हैं तथा उन तक आसानी से पहुंच रहती है। मैं नेतृत्व और अमेरिका के लिए उनकी चाहत की भी प्रशंसा करता हूं।’
मोदी ने अपने सफल चुनावी नारे ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ को नया रूप देते हुए कहा, ‘अबकी बार, ट्रंप सरकार।’ इस पर ट्रंप मुस्कुराए।
इस पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने ट्वीट कर पीएम मोदी को उनके बयान के लिए घेरा। शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री आपने किसी दूसरे देश के घेरलू चुनावों में दखल नहीं देने की लंबे समय से चले आ रहे भारत की विदेश नीति का उल्लंघन किया है। यह भारत के दीर्घकालिक रणनीतिक हितों के लिए हानिकारक है।’
शर्मा ने कहा कि हम आपको याद दिलाना चाहते हैं कि आप अमेरिका में हमारे प्रधानमंत्री के तौर पर हैं न कि अमेरिकी चुनावों के स्टार कैंपेनर।