न्यूज डेस्क
बड़ा शोर है अमेरिका के ह्यूस्टन में मोदी के एक सम्मान समारोह का कार्यक्रम है, जिसे नाम दिया गया है हाउडी मोदी। हाउडी शब्द अंग्रेजी के ‘हाउ डू यू डू’ का शॉर्ट फॉर्म है। भारतीयों का कार्यक्रम है तो बेहतर होता कि इसका नाम ‘मोदी जी आप कैसे हैं’ रख दिया जाता। गुजरातियों का ख्याल रखते तो ‘केम छो मोदी’ नाम रख सकते थे। पर कार्यक्रम अमेरिका में तो हाउडी मोदी में भी कोई बुराई नहीं है।
हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी हर मौके में अपना फायदा ढूंढने में माहिर हैं। वहां राष्ट्रपति के अगले साल चुनाव होने वाले हैं और ह्यूस्टन के इलाके में भारतीयों की संख्या बहुत है इसलिए ट्रंप साहब भी वोट बटोरने के लिए यहां पधारने वाले हैं।
मोदी ने नहले पर दहला मारा। उनकी अमेरिका यात्रा की पूर्व संध्या पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉर्पोरेट टैक्स 30 फीसदी से घटा कर 22 फीसदी कर दिया। इस प्रकार मोदी ने स्पष्ट संकेत दे दिया कि वह अमेरिकी व्यापारियों को भारत में व्यापार करने के लिए पलक पांवड़े बिछाने को तैयार हैं।
डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी दोनों ही अपने-अपने फायदे के लिए एक मंच पर इकट्ठा हो रहे हैं। देखना ये होगा कि ट्रंप भारतीयों के ज्यादा वोट बटोर पाते हैं या नरेंद्र मोदी अमेरिकी उद्योगपतियों को भारत में उद्योग लगाने के लिए राजी कर पाते हैं।
माहौल पूरा पॉलिटीकल हो गया है रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिद्वंद्वी ड्रेमोकेट्रिक पार्टी के लोग भी जमावड़े में शामिल होंगे। ट्रंप के 50 सांसद भी इस जमावड़े में शामिल होंगे। यानी अच्छा खासा रंगारंग कार्यक्रम होगा। अब किसका रंग जमेगा ये तो बाद में ही पता चलेगा।
साफ है कि अमेरिका में अगले साल चुनाव हैं और भारतीय वोटर्स वहां पर बड़ा अंतर पैदा कर सकते हैं। ऐसे में हर कोई मोदी के साथ आकर भारतीय समुदाय के वोटरों को लुभाना चाहता है। इसी साल नवंबर से प्रीमियर चुनाव शुरू हो जाएंगे। दरअसल, अमेरिका में 50 लाख के करीब भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं जो चुनाव के वक्त किसी का भी पलड़ा भारी कर सकते हैं।
गौरतलब है कि 2016 के चुनाव में भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रचार के दौरान ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’, ‘आई लव हिंदू’, ‘आई लव मोदी’ जैसे नारों-शब्दों का प्रयोग किया था और भारतीय समुदाय के वोटरों को लुभाने की कोशिश की थी।
वहीं, ऐसा पहली बार होगा कि यूएस में कोई अमेरिकी राष्ट्रपति एकसाथ हजारों इंडो-अमेरिकन नागरिकों को संबोधित करेगा। यूएस में भारतीय राजदूत हर्ष वर्धन ने इस इवेंट को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बताया है। इस कार्यक्रम से दुनिया को बड़ा संदेश मिलेगा जब दुनिया के सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्र के नेता साथ होंगे।
दूसरी ओर चीन के साथ चल रही अमेरिका की ट्रेड वॉर और कश्मीर मसले पर पाकिस्तान के साथ भारत के तनाव के बीच दोनों नेताओं का यूं साथ आना बड़ा संदेश देता है। भारत उभरती हुई अर्थव्यवस्था है और चीन-अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर का फायदा उठा सकता है, इसी दौरे पर पीएम अमेरिका के बड़े उद्योगपतियों के साथ राउंडटेबल पर चर्चा करेंगे।
अमेरिका ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 पर भारत का साथ दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले मध्यस्थता की बात तो की लेकिन बाद में भारत के सख्त रुख से उन्होंने कहा कि मध्यस्थता तभी होगी जब भारत कहेगा और पीएम मोदी ने साफ कहा कि ये भारत का ही मसला है।