नई दिल्ली। ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से पुन: संपर्क करने और इसके भीतर बंद रोवर ‘प्रज्ञान’ को बाहर निकालकर चांद की सतह पर चलाने की संभावनाएं हर गुजरते दिन के साथ क्षीण होती जा रही हैं। बीते सात सितंबर को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की प्रक्रिया के दौरान अंतिम क्षणों में ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। अब इसको लेकर बड़ी खबर आ रही है।
जानकारी के मुताबिक विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की समय सीमा अब खत्म हो रही है लेकिन अब खबर है कि नासा के मून आर्बिटर ने चांद के उस क्षेत्र फोटों ली है जिस जगह से भारत का सम्पर्क टूट गया था।
नासा ने इस बारे में एक रिपोर्ट पेश की है और बताया कि चांद के दक्षिणी धु्रव पर अपने लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर की मदद से 17 सितम्बर को कई फोटों ली हैं, हालांकि नासा इस बारे में कुछ ठोस जानकारी नहीं दे रहा है।
जानकारी के मुताबिक नासा इन तस्वीरों को विश्लेषण करके कोई जवाब देना चाहता है। उधर बताया जा रहा है कि विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की संभावना अभी दो दिन और बची है और 21 सितंबर तक ऐसा हो सकता है।
बता दें कि चंद्रयान-2 की बदौलत अंतरिक्ष में इतिहास की नयी गाथा लिखने से ठीक पहले भारत को उस समय गहरा झटका लगा था जब चंद्र्रमा की सतह से केवल 2.1 किलोमीटर पहले विक्रम लैंडर का संपर्क टूट गया था।। इस पूरी घटना पर पूरे देश की नजर थी लेकिन ऐन वक्त पर विक्रम लैंडर का संपर्क टूटने के बाद इसरो अध्यक्ष डॉ के सिवन समेत सभी वैज्ञानिकों के चेहरे पर निराशा छा गई, आलम तो यह था कि पूरे सेंटर में एकाएक सन्नाटा छा गया। इसके बावजूद पीएम मोदी ने देश के वैज्ञानिकों का हौंसला बढ़ाया है। उन्होंने कहा था। कि हौंसला कमजोर नहीं हुआ है बल्कि मजबूत हुआ है।