न्यूज डेस्क
कहते है बातचीत से बड़े से बड़े मामले हल हो जाते हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भी कश्मीर म़ुद्दे को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान को भी ऐसा ही कुछ सुझाया है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या ऐसा संभव है।
दरअसल कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच कई बार बातचीत की कोशिश हुई लेकिन मामला सुलझने के बजाए और बिगड़ ही गया। जब-जब कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान से भारत ने बात करने की कोशिश की है तब पाकिस्तान का व्यवहार ऐसा रहा, जैसे वह इस समस्या को हल करना ही नहीं चाहता।
पाकिस्तान ने हमेशा ऐसा दिखाने की कोशिश की है जैसे यह समस्या सिर्फ भारत की हो। इसलिए ऐसा लगता है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत से कश्मीर का मुद्दा तो कभी सुलझ ही नहीं सकता।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत सबसे जरूरी चीज है। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि ‘हम सिर्फ मदद कर सकते हैं और वह भी तभी जब दोनों पक्ष इस पर राजी हों।’
दरअसल पत्रकारों द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासचिव से जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में पूछा गया था। उनसे यह भी सवाल किया गया था कि वे कश्मीर मुद्दे के हल के लिए क्या करेंगे। इस पर उन्होंने कहा, ‘मेरी स्पष्ट राय है कि क्षेत्र में मानवाधिकारों का पूरी तरह से सम्मान होना चाहिए और समस्या के समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत सबसे जरूरी चीज है।’
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गौरतलब है कि भारत ने अगस्त माह में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था। भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का भी ऐलान किया था। पाकिस्तान इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है।
हालांकि अभी तक उसकी इस कोशिश को कोई खास समर्थन नहीं मिला है। उधर, भारत का कहना है कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है और मध्यस्थता के लिए तीसरे पक्ष की कोई जरूरत नहीं है चाहे संयुक्त राष्ट्र हो या अमेरिका।
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