जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी शराब का धंधा जोरों पर है। उत्तर प्रदेश के चंदौली में पुलिस ने शराब तस्करी के एक गैंग का पर्दाफाश किया है। यह तस्कर हरियाणा से शराब लेकर बिहार जा रहे थे। हैरानी की बात तो यह है कि गैंग को कुछ पुलिस वालों का संरक्षण प्राप्त था।
चंदौली एसपी हेमंत ने बताया कि तस्कर शराब की खेप लेकर हरियाणा से बिहार जाने की फिराक में थे। सूचना के आधार पर पुलिस ने औद्योगिक नगर के समीप घेराबंदी कर एक लग्जरी कार को कब्जे में लिया।
कार की तलाशी के दौरान अंग्रेजी शराब बरामद हुई, जिसके बाद कार सवार संदीप सिंह और दीपक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस बीच तस्करों के फोन करने पर 2 लोग वहां पहुंचे। दोनों ने अपनी पहचान रामनगर थाने में तैनात सिपाही वैभव कुमार यादव और सोनू यादव के रूप में दी।
वह तस्करों को छोड़ने के लिए पुलिसकर्मियों पर दबाव बनाने लगे। पुलिसकर्मियों ने इसका विरोध किया तो वो लोग मारपीट पर उतर आए। हालांकि बल का प्रयोग करते हुए सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसपी ने बताया कि तस्करों के पास के एक क्रेटा गाड़ी और 5 लाख रुपये कीमत की 566 बोतल शराब पकड़ी गई है। सिपाही अजित यादव इनका मुखिया है, जो हरियाणा के लोगों के साथ मिलकर शराब तस्करी का खेल खेलता था। सिपाहियों द्वारा तस्करी का ये खेल काफी समय से चल रहा था।
एसपी ने बताया कि अधिकारियों की नजर में अच्छा बनने के लिए यह सिपाही दूसरे तस्करों की गाड़ियों को पकड़वा देते थे, लेकिन जिन तस्करों के साथ ये मिले होते थे उनकी गाड़ियों को ये जाने देते थे। पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होगा।