न्यूज डेस्क
एक सितंबर से देश में नया संसोधित मोटर वाहन अधिनियम लागू हो गया है। इस अधिनियम में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसकी कई बानगी भी दिख चुकी है। 23 हजार से लेकर 59 हजार तक के चालान कट चुके हैं। यह सुनकर लोग सकते में है। एक ओर भारी जुर्माने को लेकर लोगों में आक्रोश है तो वहीं दूसरी ओर यातायात नियमों को लेकर लोग सजग भी हो रहे हैं। फिलहाल विरोध को देखते हुए गुजरात सरकार ने कई जुर्माने घटा दिए हैं।
गुजरात सरकार ने महज दस दिन बाद ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर केंद्र के बढ़ाए जुर्माने को 25 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक कम कर दिया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस कदम का कारण मानवीय आधार बताया है। अब ऐसा माना जा रहा है कि गुजरात को देखते हुए बाकी राज्य भी अपने यहां जुर्माने की राशि को घटा सकते हैं।
गौरतलब है कि नये संसोधित मोटर वाहन अधिनियम में राज्यों को कुछ जुर्माना घटाने का अधिकार दिया गया है। गुजरात में 16 सितंबर से नया जुर्माना लागू होगा। हालांकि, राज्य सरकार ने शराब पीकर गाड़ी चलाने और ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने का जुर्माना नहीं बदला है, क्योंकि इनमें बदलाव का प्रावधान नहीं दिया गया है।
इस मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का कहना है कि उनकी सरकार का लक्ष्य ज्यादा जुर्माना लेना या लोगों के खिलाफ केस दर्ज करना नहीं था। उन्होंने कहा कि , ‘नए कानून को बिना कड़ी सजा दिए लागू करना मुमकिन नहीं है। हमने मानवीय रुख अपनाया है और जुर्माना कम किया है। ऐसे मामलों में नरमी नहीं बरती जाएगी जहां लोगों की जान चली गई हो। जो लोग बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।’
बताते चले कि अभी तक यह अधिनियम कांग्रेस शासित राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के अलावा गुजरात में लागू नहीं हुआ था। वहीं कर्नाटक सरकार का कहना है कि अगर दूसरे राज्य जुर्माना कम करते हैं, तो वहां भी विचार किया जाएगा।
कई राज्य पहले से हैं नाराज
नया संसोधित मोटर वाहन अधिनियम से कई राज्यों में नाराजगी है। पश्चिम बंगाल और कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान व मध्य प्रदेश पहले ही भारी भरकम जुर्माने के प्रावधान पर सवाल उठा चुके हैं।
राजस्थान में सरकार ने नया कानून लागू तो कर दिया है, लेकिन जुर्माने की बढ़ी रकम पर विचार करने की बात कही।
इन अपराधों का घटा जुर्माना
गुजरात में ऐसे मामलों में जुर्माना घटाया है जिनमें राज्य सरकार के पास उन अधिकारियों की नियुक्ति करने का अधिकार है, जो स्पॉट पर ही जुर्माना लेकर व्यक्ति को जाने दे सकते हैं। जैसे हेल्मेट या सीट बेल्ट नहीं पहनने पर, दोपहिया वाहन पर ट्रिपलिंग, स्पीडिंग, बिना पलूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइवर्स लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाने जैसे अपराध शामिल हैं।
कुछ नियम नहीं बदल सकते राज्य
बता दें कि नए संसोधित मोटर वाहन अधिनियम तहत राज्य सरकारें नाबालिगों के गाड़ी चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने और सिग्नल तोडऩे पर लगने वाले जुर्माने को बदल नहीं सकते। इसलिए इन नियमों में गुजरात में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
हालांकि, गुजरात सरकार ने सड़क के गलत साइड पर गाड़ी चलाने पर जुर्माना कम कर दिया है। यह मामला कोर्ट में सुलझाए जाने वाले मामलों में आता है।
इसके अलावा दोपहिया पर पीछे बैठे व्यक्ति के हेल्मेट नहीं पहनने पर जुर्माना हटा दिया गया है। रुपाणी ने बताया कि अक्सर मिडिल क्लास परिवार में पत्नी और बच्चे दोपहिया पर चलते हैं, इसलिए इस नियम में नरमी बरती गई है।
यह होंगे नए फाइन
गुजरात सरकार के इस फैसले के पीछे लोगों के गुस्सा माना जा रहा है। केन्द्र सरकार के फैसले के बाद से चल रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है।
नए नियमों के तहत हेलमेट या सीट बेल्ट पर 1000 रुपये का जुर्माना दिया जाना है, जबकि गुजरात में इसे 500 रुपये कर दिया गया है। दमकल की गाड़ी या ऐम्बुलेंस का रास्ता रोकने पर 10,000 रुपये की जगह 1,000 रुपये, दोपहिया पर ट्रिपलिंग के लिए 1,000 की जगह 100 रुपये जुर्माना कर दिया गया है।