न्यूज डेस्क
पहले एक सिख लड़की का जबरन धर्मांतरण और अब अल्पसंख्यको की उपेक्षा। इस तरह के मामले पाकिस्तान में लगातार सामने आ रहे है। ताजा मामला पाकिस्तान पीएम की पार्टी से जुड़ा हुआ है। इमरान खान की पार्टी के पूर्व विधायक बलदेव कुमार को अपने परिवार सहित जान बचाकर भारत आना पड़ा है। इसके अलावा उन्होंने भारत में राजनीतिक शरण की मांग की है।
जानकारी के अनुसार बलदेव कुमार खैबर पख्तूनख्वां विधानसभा में बारीकोट आरक्षित सीट से विधायक रह चुके हैं। उनके अनुसार पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। वहां हिंदू और सिख नेताओं की हत्याएं की जा रही हैं, इसलिए वे जल्द ही भारत में शरण के लिए आवदेन करेंगे।
बता दें कि कुछ महीने पहले बलदेव कुमार ने अपने परिवार को पंजाब के लुधियाना में अपने रिश्तेदारों के पास भेज दिया था। इसके बाद वो 12 अगस्त को तीन महीने के वीजा पर खुद बलदेव भी यहां आ गए, लेकिन अब वे दूबारा पाकिस्तान नहीं लौटना चाहते। बलदेव के अनुसार साल 2016 में उनके विधानसभा क्षेत्र के एक विधायक की हत्या कर दी गयी थी।
केवल 36 घंटे रहे विधायक
इस मामले में उन पर झूठे आरोप लगाए गए और उन्हें दो साल तक जेल में रखा गया। इस मामले से 2018 में वो बरी हो पाए थे. पाकिस्तानी कानून के अनुसार, अगर विधायक की मौत होती है तो पार्टी के दूसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवार को विधायक बना दिया जाता है। खास बात यह है कि विधानसभा का कार्यकाल ख़त्म होने के दो दिन पहले उन्हें हत्या के मामले में बरी कर दिया गया। ऐसे में बलदेव शपथ लेकर सिर्फ 36 घंटे के लिए विधायक बने थे।
बलदेव की पत्नी भावना है भारतीय नागरिक
बलदेव ने बताया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक की स्थिति बहुत ही खराब है। वो दहशत के माहौल में जी रहे हैं। वहीं, बलदेव की पत्नी भावना अभी भी भारतीय नागरिक हैं। उनकी शादी 2007 में पंजाब के खन्ना की रहने वाली भावना से हुई थी। शादी के समय वे पाकिस्तान में पार्षद थे और बाद में विधायक बने। उनके दो बच्चे 11 साल की रिया और 10 साल का सैम पाकिस्तानी नागरिक हैं। बेटी रिया थैलेसीमिया से पीड़ित हैं और उनका इलाज चल रहा है।