न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। बाहरी दिल्ली के निहाल विहार इलाके में रविवार देर रात पराठे की रेहड़ी के पास खड़े तीन युवकों पर कार सवार बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। घटना में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। वहीं मामले की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां तीनों का उपचार चल रहा है।
एडिशनल डीसीपी राजेन्द्र सिंह सागर के अनुसार घायलों की पहचान शिव राम पार्क निवासी दीपक माथुर(24), अध्यापक नगर निवासी राहुल उर्फ रावण(26) और शिव राम पार्क निवासी प्रदीप(26) के रूप में हुई है।
शुरुआती जांच में पता चला है कि दीपक माथुर निहाल विहार थाने का (बीसी) घोषित बदमाश है। वहीं घटना के बाद निहाल विहार थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल पुलिस आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाल कर बदमाशों की पहचान करने में जुटी हुई है।
पुलिस के अनुसार देर रात करीब डेढ़ बजे दीपक माथुर अपने दो दोस्तों प्रदीप व राहुल के साथ नंगलोई नजफगढ़ रोड स्थित एक रेहड़ी के पास खड़ा होकर चाय और पराठे खा रहा था। इसी बीच नांगलोई की तरफ से एक कार आई।
कार से दो से तीन युवक नीचे उतरे और उतरे ही तीनों के ऊपर बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चला दी। गोली चलते ही वहां भगदड़ मच गई। घटना में तीनों के पैर व हाथ में गोली लगी। इधर वारदात को अंजाम देने के बाद कार सवार बदमाश रनहौला की ओर भाग निकले।
वहीं मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से तीनों युवकों के परिवार वाले उन्हें प्राइवेट अस्पताल में ले गये।
पुलिस के अनुसार दीपक का कुछ लोगों से झगड़ा चल रहा है। कुछ समय पहले दीपक के ऊपर विरोधी पक्ष के लोगों ने हमला किया था। उसके बाद दीपक ने भी विरोधी गुट के ऊपर हमला किया। दोनों पक्षों की तरफ से केस दर्ज किया गया था। आशंका जताई जा रही है कि बीती देर रात भी आपसी रंजिश के चलते वारदात को अंजाम दिया गया।
पुलिस सूत्रों की मानें तो जिस तरह बदमाशों ने सरेराह वारदात को अंजाम दिया, उसने कानून व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। राजधानी में लोगों की सुरक्षा का दावा करने वाली दिल्ली पुलिस किस तरह लोगों की सुरक्षा करती है।
घटना को देखने के बाद साफ पता चलता है। पुलिस के अनुसार पुलिस को घटना स्थल के पास से करीब 15 खाली कारतूस के खोल मिले हैं, जिससे अंदेशा लगाया जा सकता है कि बदमाशों ने कितनी देर तक खड़े होकर आतंक फैलाया होगा।