स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। देश में मोदी राज चल रहा है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कई बड़े फैसले हुए है। एनडीए-2 शनिवार को 100 दिन पूरे करने जा रही है। लोकसभा चुनाव में सबकों चौंकाते हुए प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली मोदी की दूसरी बार ताजपोशी 30 मई को हुई थी।
अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार ने जनता के हित के लिए कुछ कदम उठाये हैं लेकिन उनके कुछ कदमों पर रोड़ा अटकाया गया है। कश्मीर और तीन तलाक कानून को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर रही है, हालांकि इन दोनों पर समर्थन भी अच्छा खासा मिला है। दूसरी ओर आर्थिक मंदी के चलते भी मोदी सरकार सवालों के घेरे में है।
अर्थव्यस्था कमजोर होती जा रही है
- जीडीपी का पांच फीसदी पर पहुंच गई है। पिछली तिमाही में भारत की विकास दर 5 प्रतिशत रही थी।
- इसके आलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ सिर्फ 0.6 पहुंच गई है।
- इतना ही नहीं खपत में वृद्धि 18 महीने के सबसे कम पहुंच गई, जबकि नॉमिनल जीडीपी 15 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।
- ऑटोमोबाइल सेक्टर में 3.5 लाख नौकरियां खत्म हो गई है।
- इसके आलावा ऑटो सेक्टर, रियल एस्टेट, टेलीकॉम, वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग, स्टील, टेक्सटाइल, समेत ज्यादातर सेक्टरों में नौकरियां का टोटा है।
- अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए मोदी सरकार के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती है।
कुछ कानूनों को मोदी सरकार ने और बनाया प्रभावी
- 370, तीन तलाक, यूएपीए एक्ट जैसे कानूनों को मजबूती दी मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला किया है।
- इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र-शासित प्रदेशों में बांटने का भी फैसला हुआ है। जम्मू-कश्मीर पहला केंद्र शासित प्रदेश होगा जिसमें एक विधानसभा होगी।
- दूसरा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख होगा जिसमें कोई विधानसभा नहीं होगी।
- 30 जुलाई को तीन तलाक विधेयक राज्यसभा में पास हुआ था। सदन
में वोटिंग के दौरान इसके पक्ष में 99 और विरोध में 84 वोट पड़े थे। - हालांकि यह बिल मोदी के पहले कार्यकाल में लोकसभा में पास हो गया था, लेकिन राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था। तीन तलाक बिल को सरकार ने इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर बताया है।