जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। यूपी के बागपत जिले में कक्षा 3 की छात्रा के साथ प्राथमिक विद्यालय के शौचालय में दुष्कर्म के मामले में 3 सगे नाबालिग भाईयों को हिरासत में लिया गया है।
मामले को लंबे वक्त तक छुपाए रखने के आरोप में संबंधित थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया है, जबकि स्कूल के प्रधानाध्यापक समेत दो शिक्षकों को निलंबित किया गया है।
ये भी पढ़े: झूठी शान की खातिर भाई ने बहन की बल्ले से पीटकर ली जान
ये भी पढ़े: नए ट्रैफिक नियम लागू होने के बाद ये है #TrafficFine से बचने की कला
पुलिस अधीक्षक के अनुसार थानाध्यक्ष नरेश कुमार सिंह ने 15 दिन तक मामले को छिपाए रखा। उन्हें लाइन हाजिर कर क्षेत्राधिकारी नगर ओमपाल सिंह को जांच सौंपी गई है।
पुलिस अधीक्षक गोपेन्द्र यादव के मुताबिक रमाला थाना क्षेत्र के एक गांव में बीते 16 अगस्त को प्राथमिक पाठशाला में पढ़ने वाली तीसरी कक्षा की छात्रा के साथ स्कूल के 13 वर्षीय एक छात्र ने बाथरूम में दुष्कर्म किया, जबकि उसके दो भाई घटना के समय बाथरुम के बाहर खड़े थे। छात्रा के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया है।
तीनों आरोपियों को किशोर न्यायालय में पेश किया जाएगा। इनमें एक कक्षा 5 का छात्र है, जबकि दो अन्य भाई कक्षा 4 और 3 में पढ़ते हैं। पीड़ित बच्ची अब भी जिला अस्पताल में ही भर्ती है। उसकी मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई है।
उधर, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव रंजन मिश्रा ने बताया कि इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए स्कूल के प्रधानाध्यापक संदीप कुमार और सहायक अध्यापिका मधु को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा अग्रिम आदेशों तक शिक्षा मित्र का वेतन रोक दिया गया है। मामले की विस्तृत जांच कराई जा रही है।
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि उन्होंने थानाध्यक्ष नरेश से वारदात की शिकायत की थी, मगर उन्होंने कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित परिवार को ही डराया धमकाया और आरोपी पक्ष से समझौता कर उन्हें मुंह बंद करने की धमकी दी।
पीड़ित पक्ष ने थानाध्यक्ष पर छात्रा के पिता से दो बार लिखित समझौता कराने और मामले को छिपाने का आरोप भी लगाया। मामले की शिकायत सोमवार को पुलिस अधीक्षक गोपेन्द्र यादव से की गई थी। उन्होंने जिला अस्पताल में टीम भेजकर पड़ताल कराई। जांच में मामला सही पाया गया।