न्यूज डेस्क
पिछले दो साल से लगातार कमजोर होती जा रही समाजवादी पार्टी को फिर से मजबूती देने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने व्यवहार में बदलाव करना शुरू कर दिया है। अखिलेश अपनी गलतियों से सिखते हुए पार्टी से साइड लाइन किए गए पुराने और वरिष्ठ नेताओं को फिर से अपने दल में शामिल कराने की कोशिश में लग गए हैं।
माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री इन नेताओं के जरिए यूपी में होने वाले उपचुनाव और वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने का प्लान बना रहे हैं। सपा के सूत्र बताते हैं कि अखिलेश खुद इलाहाबाद से पूर्व सांसद रेवती रमण, बेनी प्रसाद वर्मा समेत आधा दर्जन पुराने नेताओं के संपर्क में हैं।
इसके अलावा अब जातीय समीकरण भी ध्यान दिय जा रहा है, जिसके तहत इंद्रजीत सरोज, नरेश उत्तम पटेल, मुस्लिम समुदाय के अहम हसन और रामआसरे विश्वकर्मा को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
सपा में यह चर्चा तेज है कि कई पुराने नेताओं की पार्टी में वापसी हो सकती है। इनमें वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान सपा से बसपा चले गए कई नेताओं के नाम की भी चर्चा है। जानकारी के अनुसार, कई पूर्व सपा नेताओं की सपा अध्यक्ष से मुलाकात भी हो चुकी है।
राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो अखिलेश यादव पहले युवा और नए नेताओं को तरजही दे रहे थे, जिसका खामियाजा उन्हें 2017 विधानसभा चुनाव और 2019 लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ा। अखिलेश ने तब अपने नेताओं पर कम और दूसरे दल के नेताओं पर ज्यादा भरोसा जताया। कांग्रेस और बसपा से गठबंधन इस बात का उदाहरण है।
हालांकि अब अखिलेश को समझ आ गया है कि अगर उत्तर प्रदेश की राजनीति में दोबारा खड़ा होना है तो उन्हें अपने पूराने और जमीनी नेताओं के साथ मैदान में उतरना होगा। इसीलिए अखिलेश यादव पार्टी से दूरी बनाने वाले उन दिग्गजों की शरण में जा रहे हैं, जिन्होंने कभी मुलायम के साथ समाजवादी झंडा बुलंद किया। इसी क्रम में अखिलेश यादव दिग्गज समाजवादी नेता बेनी प्रसाद वर्मा का हाल जानने उनके घर पहुंचे थे। बेनी प्रसाद वर्मा से उनकी 45 मिनट अकेले में बातचीत हुई थी।
माना जा रहा है कि अखिलेश यादव का पुराने नेताओं को वापस पार्टी में लाने का कदम वेंटीलेटर पर पड़ी सपा में ऑक्सीजन देने का काम करेगा। इसके अलावा अखिलेश दूसरे दलों से नाराज नेताओं और छोटे-छोटे दलों से मिलकर उपचुनाव और विधानसभा चुनाव उतरने का प्लान बना रहे हैं।
इसी क्रम में योगी सरकार में पूर्व मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर से पिछले दिनों अखिलेश यादव की मुलाकात चर्चा में रही। बीते दिनों बसपा सरकार में पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री रहे भूरा राम ने सपा का दामन थाम लिया। वहीं फूलन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल निषाद भी अपने संगठन के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए।