न्यूज डेस्क
जैसे-जैसे एटीएम कार्ड धारको की संख्या बढ़ती जा रही है, एटीएम से होने वाले धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। अकेले दिल्ली में एटीएम धोखाधड़ी के 179 मामले सामने आए हैं, जिसमें लोगों को करीब तीन करोड़ रुपये का चूना लगा है। इन धोखाधड़ी के मामलों में शातिर बिना एटीएम कार्ड को हाथ लगाए, बैंक अकाउंट में रखी राशि का सफाया कर देते हैं।
खबरों की माने तो एटीएम से होने वाले धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए दिल्ली स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी (SLBC) ने कुछ उपाय सुझाए हैं।
कमिटी ने 2 एटीएम ट्रांजैक्शन के बीच में 6 से 12 घंटे का समय रखने का सुझाव दिया है। अगर इस प्रस्ताव को मान लिया जाता है तो आप निर्धारित समय तक अपने अकाउंट से पैसे नहीं निकाल पाएंगे। हालांकि यह शुरुआती स्तर का ही सुझाव है।
दिल्ली SLBC के संयोजक और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के एमडी और सीईओ मुकेश कुमार जैन ने कहा, ‘एटीएम से होने वाली अधिकतर धोखाधड़ी रात के समय यानी आधी रात से लेकर तड़के सुबह तक होती है। ऐसे में एटीएम से लेनदेन पर एक खाका खींचना मददगार साबित हो सकता है।’ इस योजना पर पिछले हफ्ते 18 बैंकों के प्रतिनिधियों की बैठक में चर्चा हुई।
जैन ने बताया कि बैंकर्स ने कई दूसरे सुझाव भी दिए हैं जिनमें अनधिकृत रूप से पैसे निकालने की कोशिश करने पर अकाउंट होल्डर्स को अलर्ट करने के लिए ओटीपी भेजी जाए। यह सिस्टम क्रेडिट या डेबिट कार्ड द्वारा होने वाले ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के ही समान होगा।
इसके अलावा बैंकर्स ने एटीएम के लिए सेंट्रलाइजस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम की भी बात कही, जो OBC, SBI, PNB, IDBI बैंक और केनरा बैंक में पहले से ही लागू किया जा चुका है।
बताते चले कि एटीएम कार्ड के साथ होने वाली इस धोखाधड़ी के मामले पूरे देश में देखने को मिल रहे हैं। साल 2019 में अब तक इस तरह के केसों की संख्या 980 हो चुकी है। जबकि पिछले साल यह संख्या 911 थी।
महाराष्ट्र में एटीएम पर हाथ साफ करने वालों की तादात सबसे ज्यादा है। महाराष्ट्र में 233 मामले रिपोर्ट हुए और लोगों को 4 करोड़ 81 लाख रु की चपत लगी। इसके बाद दूसरे नंबर पर देश की राजधानी दिल्ली है। दिल्ली में इस तरह के 179 मामले सामने आए। तीसरे नंबर पर तमिलनाडु है जहां 147 लोगों के साथ धोखाधड़ी में 3 करोड़ 63 लाख रु का चूना लोगों को लगा।