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अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए पत्थर तराशने का काम काफी तेज कर दिया गया है। सूत्रों की मानें तो पत्थरों का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है, जिसकी मदद से राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर बनाया जाएगा।
अयोध्या में राम मंदिर को लेकर चल रही गतिविधियों पर विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया, ‘यह फैसला अयोध्या विवाद मामले की दिन-प्रतिदिन सुनवाई के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लिया गया है।’
उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में कारीगरों की कमी के कारण कार्यशाला में पत्थरों को तराशने का काम नहीं चल रहा है। लगभग 10-12 कारीगर नक्काशीदार स्लैबों की सफाई में लगे हुए हैं।
इन स्लैबों पर सालों से धूल की परत जमी हुई है। कार्यशाला में रखे पत्थर के स्लैब और प्रस्तावित मंदिर के लिए रखे गए खंभों को भी चमकाने का काम किया जा रहा है।
बता दें कि अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तेज हो गई है। एक तरफ सर्वोच्च न्यायालय में अयोध्या राम मंदिर पर सुनवाई दैनिक स्तर पर हो रही है, तो दूसरी तरफ कारसेवकपुरम में भी अचानक गतिविधियां तेज हो गई हैं।
राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख, महंत नृत्य गोपाल दास ने भी पत्थरों को तराशने से संबंधित कार्य में तेजी लाने की जरूरत का जिक्र किया। दास ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई समाप्त हो जाएगी और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगी। इसलिए, पत्थरों की तराशी से जुड़े काम में तेजी लाने की जरूरत है।
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