जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने घुमंतू छैमार गिरोह के सक्रिय सदस्य शहीन उर्फ गुलजार को लखनऊ के पारा क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज ने रविवार को ये जानकारी दी।
पंकज के अनुसार फतेहगढ़ से 25 हजार, राजस्थान से 10 हजार और उत्तराखण्ड से 5 हजार रुपये के इनामी फरार चल रहे छैमार गिरोह के शातिर बदमाश शाहीन उर्फ गुलजार के लखनऊ के पारा इलाके खुसालगंज गांव अपने डेरे पर आने की सूचना मिली थी।
एसटीएफ के निरीक्षक अजयपाल सिंह के नेतृृत्व में एक टीम तत्काल बताये गये स्थान पर पहुंची और घेराबंदी कर शाहीन उर्फ गुलजार को गिरफ्तार कर लिया गया। यह अन्तर्राज्यीय छैमार गिरोह का सक्रिय डकैत है।
इसके खिलाफ फतेहगढ़ के अलावा उद्योगनगर जिला भरतपुर राजस्थान और उत्तराखण्ड के उद्यमसिंह जिले के सितारगंज थाने में मामले दर्ज हैं। इसकी गिरफ्तारी पर तीनों राज्यों से 40 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।
उन्होंने बताया कि पकड़े गये बदमाश ने बताया कि गिरोह के सदस्यों ने इसी साल दस जून की रात शिवपुरा कालोनी के मकान डकैती डाली थी। इस घटना में शामिल उसका साथी नदीम, काले खाॅं, नबीजान पकडे़ जा चुके हैं तथा आमीन एवं मुबीन फरार हैं। इस गिरोह के सदस्यों ने 2013 में उत्तराखण्ड के सितारगंज में डकैती डाली थी।
इसके अतिरिक्त राजस्थान के जिला भरतपुर क्षेत्र में इसी साल छह जुलाई की रात जघीना और 22 जुलाई को टांटेपुर में हत्या कर डकैती डाली थी। इसके साथ ही नाउ का नगला में डकैती की घटना को अंजाम दिया था। इन घटनाओं को करने के बाद फर्रुखाबाद में हुई पुलिस मुठभेड़ में यह फरार हो गया था और उसके बाद अमरोहा के हसनपुर क्षेत्र में छुप कर रह रहा था।
पंकज ने बताया कि यह बदमाश गिरफ्तारी से बचने के लिए ठिकाना बदल रहा था, लेकिन छिपने का कोई उपयुक्त ठिकाना नहीं मिल पा रहा था और पारा आने पर उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरोह के सदस्य छैमार जाति के घुमक्कड़ लोग हैं और इनका कोई निश्चित स्थान नहीं है।
ये लोग गांवों व रेलवे स्टेशनों के आस- पास डेरा जमाकर ठिकाना बनाते हैं और आये दिन जगह- जगह भीख मांगने के बहाने अपराध करने के लिए घरों को चिन्हित करते हैं। उन्होंने बताया कि गिरोह के सदस्य बस और ट्रेन से घटना स्थल पर पहुंच जाते हैं। ये अपने साथी आरी, छैनी, टाॅर्च, शराब एवं खाना लेकर लक्ष्य के पास सूने खेतों तथा जंगल में छुपकर बैठ जाते हैं।
वहीं से डण्डे आदि काटकर हथियार तैयार करते हैं तथा कपड़े और जूते वहीं उतारकर शरीर में चिकनाई लगाकर कच्छा बनियान में चिन्हित घरों पर पहुंचते हैं तथा डण्डा लेकर घर के सदस्यों के सिरहाने खड़े हो जाते है तथा कुछ सदस्य घर की तलाशी लेते हैं कीमती सोने चांदी के जेवरात और नकदी ले लेते हैं। यदि कोई सदस्य जाग जाये तो उसके सिर पर वार कर हत्या कर देते हैं।
घटना के बाद नंगे पैर भागकर उस स्थान पर पहुंचते हैं और कपड़े पहनकर आस-पास छिपकर इन्तजार करते हैं और सुबह पब्लिक में मिल जाते हैं तथा वाहनों से अपने- अपने डेरों की तरफ चले जाते हैं।
पंकज ने बताया कि रैकी करने के बाद घटना करने के लिए अलग- अलग डेरों से गिरोह के सदस्य बुलाते हैं और वारदात को अन्जाम देते हैं। गिरोह का सरदार वह बनता है जो कम से कम 6 लोगों की हत्या कर चुका हो, इसलिए इस गिरोह को छैमार गिरोह कहते हैं। गिरफ्तार बदमाश को जेल भेज दिया गया है। गिरोह के अन्य फरार सदस्यों की तलाश की जा रही है।