जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार में यदि कोई आईएएस ऑफिसर सरकार की हर योजना को अमलीजामा पहनाने में कामयाब हुआ है तो वो है डा. अनूप चंद्र पाण्डेय। इनके कार्यो की चर्चा हर तरफ फैली हुई है। यही नहीं इनको सीएम योगी का चाणक्य भी बताया जाता है।
भले ही मुख्य सचिव पद के लिए डा. अनूप चंद्र पाण्डेय को एक सेवा विस्तार का लाभ नहीं मिल रहा हो, लेकिन सरकार डा. अनूप चंद्र पाण्डेय के अनुभव और रिस्क लेने क्षमता का लाभ लेने से पीछे नहीं हटेगी और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इनको किसी बड़ी जिम्मेदारी के साथ सरकार में शामिल करने की की योजना चर्चा का विषय बनी हुई है।
मुख्यमंत्री के करीबी और पंसदीदा अफसर होने के कारण ये भी चर्चा है कि इनको मुख्यमंत्री का सलाहकार बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है। जिससे यूपी को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनने में मदद मिल सके। साथ ही नौकरशाही पर नकेल भी रखी जा सके।
आपको बता दे कि जैसे- जैसे यूपी के मुख्य सचिव डा. अनूप चंद्र पाण्डेय का बढ़ा हुआ कार्यकाल खत्म होने के करीब आ रहा है वैसे- वैसे मुख्य सचिव बनने के दावेदार अफसरों की धड़कने भी तेज हो रही हैं।
यूं तो मुख्य सचिव बनने की दौड़ में कई नाम चर्चा में हैं, लेकिन प्रदेश का यह सबसे ताकतवर और महत्वपूर्ण पद उसी अफसर की झोली में जाने की सम्भावना है जिसमें यूपी को एक ट्रिलियन इकोनामी बनाने की क्षमता हो।
बताते चलें कि 1984 बैच के वरिष्ठ आईएएस डा. अनूप चंद्र पाण्डेय को 14 आईएएस अफसरों को सुपरसीड करके मुख्य सचिव बनाया गया था। मुख्य सचिव डा. अनूप चंद्र पाण्डेय की कार्य क्षमता और लगन को देखते हुए यूपी सरकार ने फरवरी माह में कार्यकाल बढ़वाने की संस्तुति केन्द्र सरकार से की थी। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने छह माह का कार्यकाल बढ़ा दिया था। जिसकी मियाद अब 31 अगस्त 2019 को खत्म हो रही है।
जुलाई माह में सत्ता के गलियारों में चर्चा थी कि मुख्य सचिव डा. अनूप चंद्र पाण्डेय का कार्यकाल छह माह का सेवा विस्तार का एक और मौका मिल सकता है। अब सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि मुख्य सचिव डा. पाण्डेय को सेवा विस्तार का लाभ नहीं मिल रहा है।
इन गतिविधियों के कारण मुख्य सचिव बनने का सपना संजोये बैठे दावेदार अफसरों ने फिर से अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। राजनीतिक आकाओं के यहां पैरवी शुरू कर दी है। अब ये तय है की जो भी बने मुख्य सचिव, लेकिन उसकी निगरानी के लिए चाणक्य तो रहेंगे!