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जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से वहां के कई स्थानीय नेता नज़रबंद हैं। जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को हरि निवास में नजरबंद किया गया था। लेकिन एक बड़ी खबर सामने आई है कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती आपस में भिड़ गए।
भिड़ने की वजह यह थी कि दोनों एक-दूसरे पर इस बात का आरोप लगा रहे थे कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी को कौन लेकर आया। गौरतलब है कि दोनों ही नेता अपने-अपने दलों के साथ बीजेपी के साथ मिलकर केंद्र या राज्य में सरकार चला चुके हैं या सरकार में सहयोगी रहे हैं।
बता दें कि अनुच्छेद 370 को हटाये जाने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले उमर और महबूबा को पहले नज़रबंद किया गया और बाद में हिरासत में ले लिया गया था। दोनों को ही हरि निवास पैलेस में रखा गया था लेकिन दोनों के बीच बहस बहुत ज़्यादा बढ़ जाने के कारण अब उन्हें अलग रखने का फ़ैसला किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि दोनों एक-दूसरे पर बीजेपी को राज्य में लाने का आरोप लगा रहे थे। एक बार उमर महबूबा पर चिल्लाये भी और उनके पिता मुफ़्ती मोहम्मद सईद पर राज्य में बीजेपी से गठबंधन करने पर तंज कसा।
बता दें कि बीजेपी और पीडीपी ने 2015 से 2018 तक राज्य में मिलकर सरकार चलाई थी। ख़बर के मुताबिक़, दोनों नेताओं के बीच जमकर कहासुनी हुई जिसे हरि निवास पैलेस के स्टाफ़ ने भी सुना। हरि निवास पैलेस एक सरकारी गेस्ट हाउस है और यहाँ अक़सर आतंकवादियों से पूछताछ की जाती है।
अधिकारी ने कहा, उमर की टिप्पणी पर पीडीपी की प्रमुख महबूबा ने उमर को याद दिलाया कि उनके पिता फ़ारुक़ अब्दुल्ला ने केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के साथ गठबंधन किया था। महबूबा ने उमर पर चिल्लाते हुए कहा कि वह वाजपेयी सरकार में जूनियर विदेश मंत्री थे। महबूबा ने उमर के दादा शेख़ अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के लिए ज़िम्मेदार ठहराया।
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