न्यूज डेस्क
मुंबई में तबाही मचाने वाले आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने वाले अफसरों में से एक को निलंंबित कर दिया गया है। अफसर पर दाऊद के गुर्गे को छोड़ने का आरोप है। यह अफसर अपनी बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पुलिस पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुका है।
अफजल कसाब को जिंदा पकडऩे वाले अफसरों में शामिल पीआई संजय गोविलकर और एक दूसरे अन्य एक एपीआई जितेंद्र सिंगोट को मुम्बई पुलिस आयुक्तने निलंबित कर दिया है। इन दोनों पर दाऊद के गुर्गे सोहेल भामला को छोड़ने के आरोप में निलंबित किया गया है। दरअसल सोहेल के खिलाफ लुक ऑउट नोटिस था और उसे मुम्बई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर दुबई से आने के बाद हिरासत में लिया गया था।
ईओडब्ल्यू में कार्यरत दोनों अफसरों ने पुराने एक मामले में सोहेल को पकड़ा और दफ्तर ले गए, लेकिन पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया जिसके बाद सोहैल फिर से भागने में कामयाब हो गया। काम के लापरवाही की जानकारी मिलने के बाद पुलिस आयुक्त संजय बर्वे ने दोनों को निलंबित कर जांच का आदेश दिया है।
26/11 की रात पीआई संजय गोविलकर गिरगांव चौपाटी पर शहीद पुलिस कांस्टेबल तुकाराम ओम्बले के साथ थे। कसाब और इस्माइल की गाड़ी रोककर जहां ओम्बले ने कसाब को पकड़ा वहीं संजय गोविलकर ने इस्माइल को शूट किया था। ओम्बले उस धरपकड़ में शहीद हो गए थे। गोविलकर को उस बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पुलिस पुरस्कार भी मिला है।