न्यूज डेस्क
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय के बल्ला कांड की गूंज पूरे देश को सुनाई दी थी। इस घटना की खूब आलोचना हुई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी संसदीय दल की बैठक में नाराजगी जताई थी।
इस मामले में नया मोड़ आया है। मध्य प्रदेश भाजपा की राज्य अनुशासनात्मक समिति के संयोजक बाबूजी रघुवंशी ने कहा कि पीएम मोदी ने दो जुलाई को पार्टी के लोगों द्वारा किसी दुव्र्यवहार को अस्वीकार्य बताने वाली टिप्पणी आकाश विजयवर्गीय को लेकर नहीं की गयी थी। सवाल उठता है कि फिर प्रधानमंत्री ने अपनी नाराजगी किसके लिए जताई थी।
मध्य प्रदेश भाजपा की राज्य अनुशासनात्मक समिति के संयोजक बाबूसिंह रघुवंशी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दो जुलाई को पार्टी के लोगों द्वारा किसी दुव्र्यवहार को अस्वीकार्य बताने वाली टिप्पणी आकाश विजयवर्गीय को लेकर नहीं की गयी थी।
भाजपा नेताओं ने कहा था कि पीएम ने नाराजगी जताई
आकाश के बल्ला कांड ने बीजेपी की बहुत फजीहत कराई थी। घटना की गंभीरता को समझते हुए मोदी ने सर्वदलीय बैठक में बिना नाम लिए अपनी नाराजगी जताई थी। पीएम के बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने कहा था कि आकाश विजयवर्गीय से पीएम नाराज हैं।
भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने भी एक टीवी चैनल से कहा था कि मोदी ने एक बैठक में कहा कि ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर किया जाना चाहिए, चाहे वो किसी का भी बेटा हो कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने बहुत कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया और कहा कि इस तरह का कोई भी कार्य अस्वीकार्य है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ये बयान उस समय काफी सुर्खियों में रहा था। हालांकि अब राज्य अनुशासनात्मक समिति के संयोजक बाबूसिंह रघुवंशी का बयान इसके विपरीत है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक विजयवर्गीय के व्यवहार का बचाव करते हुए रघुवंशी ने कहा, ‘मैं एक वकील भी हूं और जब किसी को उकसाया जाता है, जैसे आकाश को किया गया था, तो सजा अलग होती है।’
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उन्होंने कहा, ‘क्या उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) आकाश का नाम लिया था? उस समय अनुशासनहीनता के कई और मामले सामने आए थे, हो सकता है कि उन्होंने इन सभी मामलों को मिलाकर टिप्पणी की हो। क्या कोई साउंड बाइट या वीडियो है, जिसमें उन्हें आकाश के लिए कुछ कहते हुए सुना जा सकता है।’
रघुवंशी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने खुद इसकी आलोचना की है तो ये सजा से भी ज्यादा है। मालूम हो कि दो जुलाई को प्रधानमंत्री द्वारा आकाश के व्यवहार की कथित निंदा के अगले दिन ही रघुवंशी ने कहा था कि यह मामला सुनवाई के लिए उनकी समिति तक नहीं पहुंचा है।
उन्होंने तब कहा था कि अगर यह मामला हमारे सामने आएगा, तो पार्टी के नियम-कायदों के मुताबिक सुनवाई की जाएगी।
उन्होंने प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया था कि आमतौर पर प्रदेश अध्यक्ष पार्टी के अनुशासनात्मक मामलों में संबंधित लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हैं और जवाब मिलने पर पार्टी की अनुशासन समिति ऐसे मामलों की सुनवाई करती है।
रघुवंशी ने इस बात की पुष्टि की है कि अब तक यह मामला तीन-सदस्यीय अनुशासन समिति के पास नहीं भेजा गया है।