विवेक अवस्थी
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का नुकसान भारतीय जनता पार्टी का लाभ है। यह न केवल लोकसभा के मामले में, बल्कि राज्यसभा भी यही सच है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन अब राज्यसभा में भी बहुमत पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता।
राज्य सभा में समाजवादी पार्टी के सांसद नीरज शेखर के इस्तीफे के तुरंत बाद दो सपा सांसदों और दो बहुजन समाज पार्टी के सांसदों की भाजपा के साथ बातचीत हुई है । सूत्र बताते हैं कि एक और क्रॉस ओवर जल्द ही होगा।
इससे पहले तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के चार राज्यसभा सांसदों – वाईएस चौधरी, सीएम रमेश, गरिकपति मोहन राव और टीजी वेंकटेश ने बीजेपी में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी थी। इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) एक राज्यसभा सांसद राम कुमार कश्यप ने भगवा पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा को स्थानांतरित कर दिया था।
राज्यसभा में 14 सदस्यों वाली समाजवादी पार्टी की सांख्य अब एक दर्जन से नीचे है। पार्टी में टूट की शुरुआत सबसे पहले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह ने की ।
अमर सिंह ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान ट्विटर हैंडल पर “चौकीदार” लिखा था, और खुलेआम रामपुर के भाजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार किया। तब से, वह उच्च सदन में फिर से नामांकन के लिए भगवा पार्टी के दरवाजे खटखटा रहे हैं।
245 के सदन में, भाजपा की वर्तमान ताकत 116 है, बहुमत के निशान से सात कम। लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत के साथ, उच्च सदन में बहुमत एनडीए को आसान विधेयक पारित करने के लिए मददगार होगा । भाजपा ने 2018 के मध्य में पहली बार उच्च सदन में कांग्रेस से ज्यादा सीटें हासिल कर ली थी ।
NDA के लिए महत्वपूर्ण क्यों हैं राज्यसभा में बहुमत ?
2014-19 के दौरान नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार को महत्वपूर्ण कानून पारित करवाने की कोशिश में कई बार बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और युवजन श्रमायु रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) जैसे क्षेत्रीय राजनीतिक संगठनों के रुख के कारण काफी परेशानियाँ हुई थी ।
संख्या बाल न होने के कारण मोदी सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को उच्च सदन में पारित कराने में अपनी विफलता के बाद अध्यादेश का रास्ता अपनाया । भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार को अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए राज्यसभा में बहुमत जरूरी है।
(विवेक अवस्थी BITV के वरिष्ठ राजनीतिक संपादक हैं )
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