Monday - 28 October 2024 - 11:20 AM

‘जनता पुलिस को ठोक रही है और पुलिस जनता को’

न्यूज डेस्क

मैं चुनाव में जो कहता था वही आज भी यूपी में हो रहा है। जनता पुलिस को ‘ठोक’ रही है और पुलिस जनता को ‘ठोक’ रही है। सोनभद्र का कांड पूरे प्रदेश की हालत बता रहा है। भाजपा सरकार को यह समझना चाहिए। अगर सामाजिक अस्थिरता रही तो आर्थिक स्थिरता नामुमकिन है।

यह बयान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का है। सोनभद्र नरसंहार और संभल में पुलिसकर्मियों की हत्या पर आज अखिलेश ने ये प्रतिक्रिया दी।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सही कहा कि जनता पुलिस को ठोक रही है। संभल में जिस तरह दो पुलिसकर्मियों को गोली मार कर बदमाश पुलिस वैन लेकर फरार हो गए, यह उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार कहते हैं कि प्रदेश से अपराधियों का सफाया हो रहा है। अपराधी या तो प्रदेश छोड़कर फरार हो रहे हैं नहीं तो दुनिया। सत्ता संभालने के बाद योगी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाना उनका लक्ष्य है। कानून-व्यवस्था दुरुस्त करना उनकी पहली प्राथमिकता।

प्रदेश में कानून-व्यवस्था की किस प्रकार धज्जियां उड़ रही है, इसकी गवाही आंकड़े दे रहे हैं। पुलिस लगातार एनकाउंटर कर अपराधियों को ढेर कर रही है फिर भी बदमाशों में पुलिस का डर नहीं है। पुलिस एनकाउंटर पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। पुलिस का डर होता तो पुलिस वाले ही अपराधियों की गोली के शिकार नहीं होते।

जानकारों का कहना है कि अपराधियों पर लगाम लगाने के सरकारी दावों की हवा तब निकल जाती है जब आए दिन तमाम तरह के अपराध होते रहते हैं।

ऐसे में ये सवाल उठना लाजिमी है कि आम लोग उस व्यवस्था पर कैसे भरोसा करें, जिसमें उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली पुलिस ही सुरक्षित नहीं है।

संभल में हुई घटना के बाद बहस शुरु

संभल में बदमाशों ने दो पुलिसकर्मियों को गोली मारकर फरार हो गए। इस घटना के बाद एक बार फिर बहस शुरु हो गई है। पुलिा वाले खुद बदमाशों की गोली के शिकार हो रहे हैं।

पिछले दो साल में पुलिस वालों के साथ ऐसी कई घटनाएं हुई जिसकी वजह से पुलिस महकमा तो शर्मसार हुआ ही, साथ ही पुलिस वालों का मनोबल भी टूटा। लखनऊ हो या गाजियाबाद, मथुरा हो गया संभल, शामली हो या बलरामपुर। अधिकांश जिलों में पुलिस के साथ हिंसा घटनाएं हुई। कहीं पुलिस भीड़ की हिंसा का शिकार हुई तो कहीं बदमाशों के। सवाल यही हैं कि आखिर लोगों में पुलिस का डर या विश्वास क्यों नहीं है।

2017 में सहारनपुर में एसएसपी के घर पर ही सत्ताधारी पार्टी के लोगों ने इस कदर घेराव कर दिया था कि एसएसपी के पूरे परिवार ने ख़ुद को घर में कैद कर लिया था। बाद में ख़ुद एसएसपी ने बताया था कि इस दौरान उनके बच्चे और परिवार के अन्य सदस्य काफी दहशत में थे।

दिसंबर 2018 में सुबोध कुमार और कांस्टेबल सुरेश वत्स को कौन भूल सकता है। ये दोनों की भीड़ की हिंसा के शिकार हुए थे। दिसंबर 2018 में बुलंदशहर में गोकशी को लेकर हुई भीड़ की हिंसा में सुबोध कुमार की मौत हो गई थी। दिसंबर 2018 में ही गाजीपुर में भीड़ के हाथों कांस्टेबल सुरेश वत्स मारे गए थे। सुबोध कुमार और सुरेश की मौत के बाद तमाम सवाल उठे थे। मॉब लिंचिंग को लेकर भी सवाल उठाया गया। नतीजा ढ़ाक का तीन पात।

2017 में बिजनौर में अपराधियों ने दरोगा पर धारधार हथियार से हमला कर उसकी हत्या करके फरार हो गए थे। गाजियाबाद की घटना कौन भूल सकता है। साहिबाबाद शालीमार गॉर्डन में शराब माफियां अपनी मनमानी चला रहे थे और पुलिस इन्हें काबू करने के लिए यहां पहुंची तो गुंडो ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। आलम तो यह रहा कि जमकर पथराव भी हुआ और चौकी इंचार्ज दिनेश पाल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।

लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में भी पुलिस पर ग्रामीणों का गुस्सा जमकर फूटा था और पथराव में पुलिसकर्मियों को काफी चोटे आई थीं। वहीं मई 2018 में मथुरा के मगोर्रा थाना क्षेत्र के नोदरा गांव में कुछ लोग लूट करने के लिए पहुंचे लेकिन मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। बदमाशों ने पुलिस पर हमला कर दिया था जिसमें थाना प्रभारी समेत कई पुलिस वालों को गम्भीर चोट आई थी।

शामली का मामला भी खूब चर्चा में रहा था। शामली के अलाउद्दीनपुर गांव में जब मौके पर पुलिस लूट को रोकने के लिए पहुंची तो पुलिस फोर्स पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया और पथराव कर थाना प्रभारी अरुण कुमार, उप निरीक्षक प्रमोद कुमार, हेड कॉन्स्टेबल राम गोपाल राठी और कॉन्स्टेबल मनोज एवं गोपाल को चोटिल कर दिया गया।

राजधानी लखनऊ में खाकी पर कई हमले किये गए है। लखनऊ के इटौंजा थाना क्षेत्र में उर्स मेले जब डांस चरम पर था तब वहां पर मौजूद दर्शकों को काबू करने में पुलिस पर आफत आ गई थी और पुलिस के खिलाफ कुछ बदमाशों ने साजिश कर डाली और जमकर पथराव किया। इसके बाद वहां मेले में भगदड़ मच गई और इस पूरी घटना में एक दरोगा और पुलिसकर्मियों को जान आफत में आ गई थी।

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