Tuesday - 29 October 2024 - 5:47 PM

तब शोहरत थी खूब लेकिन पैसा के नाम जीरो बटा सन्नाटा

स्पेशल डेस्क

विश्व क्रिकेट में भारतीय खिलाडिय़ों का डंका बजता नजर आ रहा है। मैदान और उसके बाहर भी भारतीय खिलाड़ी का जलवा देखने को लगातार मिल रहा है। भारतीय क्रिकेट कट्रोल बोर्ड दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड माना जाता है। ऐसे में आईसीसी भी बीसीसीआई को नाखुश नहीं करता है। दुनिया का अमीर बोर्ड होने की वजह से भारतीय खिलाड़ी भी खूब पैसा कमाते हैं।

भारतीय खिलाडिय़ों के पैस मोटी मैच फीस के साथ-साथ सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के साथ-साथ बाजार में विज्ञापन से भी करोड़ों रुपये कमाते हैं। मौजूदा दौर का सफल क्रिकेटर करोड़ों में खेलते हैं लेकिन पहले ऐसा नहीं था।

उस दौर के भारतीय क्रिकेटर उतना पैसा नहीं कमा पाते थे जितने आज के दौर के खिलाड़ी पैसा बना रहे हैं। 1983 की विश्व विजेता टीम की मैच फीस को अगर आप जाने जाये तो काफी हैरान हो सकते हैं। कपिल की उस विजेता टीम को जीत के बावजूद कुछ खास नहीं मिला था। ट्विटर पर सीनियर जर्नलिस्ट राजदीप सरदेसाई ने एक तस्वीर साझा की जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि कपिल की टीम को मैच फीस के साथ-साथ डेली अलाउंस कितना मिलता था।

जाकनारी के मुताबिक उस समय विश्व विजेता टीम के प्रत्येक सदस्य को केवल 1500 रुपए और डेली अलाउंस 200 रुपए प्रति दिन का मिलता था। कप्तान, उपकप्तान और मैनेजर समेत सबको बराबर जैसा ही पैसा मिलता था।

प्रत्येक खिलाड़ी और कप्तान को 2100 रुपए मिलते थे इसमें 1500 रुपए तो मैच फीस थी और 200 रुपए पर डे के हिसाब से तीन दिन के 600 रुपए डेली अलाउंस के खाते में मिले।

मौजूदा दौर में एक टेस्ट के लिए 15 लाख रुपए मिलते हैं जबकि वन डे में छह लाख और टी-20 में तीन लाख रुपये दिये जाते हैं। इसके आलावा डेली अलाउंस मिलता है। विज्ञापन से अलग कमायी होती है खिलाडिय़ों की।

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