स्पेशल डेस्क
विश्व कप में न्यूजीलैंड ने सबकों चौंकाते हुए सेमीफाइनल में टीम इंडिया को पराजित कर फाइनल का टिकट हासिल किया। कीवियों ने हालांकि पूरे विश्व कप में जानदार प्रदर्शन किया लेकिन कुछ मैचों में उनकी कमजोरी भी साफ देखी जा सकती थी।
फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ भले ही थोड़ी कमजोर दावेदारी लग रही हो लेकिन इंग्लैंड को वह हराने का माद्दा रखते हैं। कीवी टीम पूरे विश्व कप में एक खिलाड़ी के भरोसे नहीं रही है।
बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग के सहारे उसने टीम इंडिया को सेमी फाइनल में पछाड़ा है। न्यूजीलैंड के खिलाड़ी भले ही मैदान शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन मैदान के बाहर इन खिलाडिय़ों का जीवन काफी दुखों से भरा रहता है।
विराट रोहित और माही जैसे खिलाड़ी काफी अमीर होते हैं लेकिन इसके उलट न्यूजीलैंड के खिलाडिय़ों को पैसों की दिक्कतों को झेलना पड़ता है। न्यूजीलैंड के खिलाडिय़ों को इतनी ज्यादा सैलरी नहीं मिलती जितना अन्य देशों के खिलाडिय़ों को मिलती है।
क्रिस केंस और सिंक्लेयर जैसे क्रिकेटर न्यूजीलैंड क्रिकेट के लिए बहुत कुछ किया है लेकिन संन्यास के बाद इन क्रिकेटरों को अपना घर चलाना मुश्किल हो जाता है। क्रिस क्रेंस पर मैच फिक्सिंग में फंसे थे लेकिन इसे बाहर आने के लिए उन्हें कानूनी लड़ाई लड़ी और बरी हुए। इसके बाद से उनका जीवन बेहद मुश्किल से कट रहा है।
आलम तो यह है कि उन्हें ऑकलैंड में बस धोने और ट्रक चलाने तक का काम करना पड़ा जबकि मैथ्यू सिंक्लेयर संन्यास के बाद से ही परेशान है। उनके पास खाने के लिए पैसे तक नहीं है। उन्हें नेपियर में रीयल एस्टेट में सेल्स पर्सन तक काम करना पड़ा है।