स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सपा बसपा की राह अलग हो चुकी है। लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक सपा ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। इसके बाद से सपा-बसपा हार की जिम्मेदारी एक दूसरे पर डाली। उधर मायावती ने अखिलेश यादव से चुनाव बाद ही किनारा कर लिया। इतना ही हार को लेकर मायावती ने सपा को अपने निशाने पर लिया था। हालांकि इस पूरे मामले में पर अखिलेश यादव ने कुछ भी नहीं कहा है। यूपी में 11 विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों शोर से चल रही है। मायावती से अलग होने के बाद महा गठबंधन खत्म हो गया है।
इसके बाद से सपा भी मायावती से नाराज चल रही है। ऐसे में सपा चाहती है वह मायावती को अपने स्तर से जवाब दे। इसके लिए सपा के कार्यकर्ता अब यूपी में तीसरे मोर्चे की वकालत करता दिख रहा है। इसके लिए अखिलेश को राजी किया जा रहा है। इस तीसरे मोर्चे में कौन-कौन पार्टियां शामिल होगी इस पर अभी कोई ठोस जानकारी नहीं है।
अखिलेश ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में बैठक बुलाई थी, इसके बाद लोगों से मिलकर मंथन किया है। अगले साल 2022 में चुनाव को लेकर रणनीति बनायी जा रही है। बूथ कमेटियों को लेकर अखिलेश यादव ने मजबूत करने की बात कही लेकिन तीसरे मोर्चे में कौन-कौन दल शामिल होगा ये अभी तय नहीं है।
जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव 11 सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए छोटे-छोटे दलों को साथ लेकर चल सकते हैं लेकिन सियासी गलियारे में चर्चा है कि तीसरे मोर्चे में शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा को भी जोड़ा जाये लेकिन प्रसपा उपचुनाव में भाग नहीं ले रही है लेकिन वह इससे जुड़कर सपा को मजबूत कर सकती है।
शिवपाल यादव ने पहले भी कहा था कि वह सपा के साथ समझौता कर सकते हैं लेकिन इसकी पहल अखिलेश को करनी होगी। तीसरे मोर्चे के सहारे अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव की तैयारी करना चाहते हैं। शिवपाल की नजरे विधानसभा चुनाव पर है। अब देखना होगा कि शिवपाल इस नये मोर्चे में शामिल होते हैं या नहीं।