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पूरी दूनिया से मुस्लिम मक्का मदीना के दर्शन के लिए हज यात्रा करने आते है लेकिन पिछले कुछ समय से दुनियाभर के मुसलमानों ने इस हज यात्रा का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है।
दरअसल इन लोगों का कहना है कि सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बीते कुछ समय से अपनी आक्रामक घरेलू और विदेशी नीतियों पर पर्दा डालने के लिए कथित उदारवादी सुधारों को लाकर सऊदी शासन की तस्वीर को बदलने की कोशिश कर रहें है।
बहिष्कार की अपील के पीछे का कारण ये है कि मक्का में हज के जरिए सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और मजबूत अर्थव्यवस्था के जरिए सऊदी हथियारों को भारी मात्रा में खरीद हा है जिससे यमन और अप्रत्यक्ष तौर पर सीरिया, लीबिया, ट्यूनीशिया, सूडान और अल्जीरिया में हमलों को अंजाम दिया जा रहा है।
शिया-सुन्नी दोनों समुदाय कर रहे हैं विरोध
पिछले कुछ दशकों के उलट इस बार सऊदी अरब का बहिष्कार पंथों के मतभेद से भी ऊपर उठ चुका है। वर्तमान में सऊदी साम्राज्य के बहिष्कार की अपीलें केवल शिया समुदाय से नहीं आ रही हैं बल्कि हर समुदाय इस पर एकजुट हो रहा है। ट्विटर पर कम से कम 16,000 ट्वीट्स के साथ #boycotthajj ट्रेंड कर रहा है।
अप्रैल महीने में लीबिया के सबसे विख्यात सुन्नी मौलवी ग्रैंड मुफ्ती सादिक अल-घरीआनी ने सभी मुस्लिमों से इस्लाम में अनिवार्य माने जाने वाली हज पवित्र यात्रा का बहिष्कार करने की अपील की। उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर कोई भी शख्स दूसरी बार हज यात्रा करता है तो यह नेकी का काम नहीं बल्कि पाप होगा।
मौलवी सादिक ने आगे कहा कि हज में निवेश करना, मुस्लिम साथियों के खिलाफ हिंसा करने में सऊदी की मदद करना होगा।
बता दें कि सादिक पहले विख्यात मुस्लिम स्कॉलर नहीं हैं जो हज के बहिष्कार की अपील कर रहे हैं। सुन्नी मौलवी और सऊदी अरब के प्रखर आलोचक युसूफ अल-काराडावी ने अगस्त महीने में फतवा जारी कर हज यात्रा पर जाने को मना कर चुके हैं। इस फतवे में कहा गया था कि भूखे को खाना खिलाना, बीमार का इलाज करवाना और बेघर को शरण देना अल्लाह की नजर में हज पर पैसा बहाने से ज्यादा अच्छा काम है।
सऊदी की आय का प्रमुख स्रोत है हज से होने वाली कमाई
बता दें कि सऊदी की अर्थव्यवस्था में हज तीर्थयात्रा की बहुत बड़ी भूमिका है और इससे करीब 12 अरब डॉलर की आय होती है। 2022 तक तक इस कमाई के 150 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। हज से होने वाली कमाई तेल के अलावा सऊदी की आय का सबसे प्रमुख स्रोत है।
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