न्यूज डेस्क
मॉब लिंचिंग देश में एक लिए बड़ी समस्या बनता रहा है। हाल के दिनों मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपनी चिंता व्यक्त की है और कड़े कदम उठाने की बात कही है। इस बीच यूपी की योगी सरकार ने लिंचिंग को रोकने के लिए एक ठोस कदम उठाया है।
मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर गोवंशीय मवेशी ले जाने वाले गोपालकों को गोसेवा आयोग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा गोपालक की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी भी आयोग की ही होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोसेवा आयोग और पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में ये निर्देश दिए। सीएम योगी ने आयोग को यह सुनिश्चित करने को कहा कि चोरी-छिपे हो रही गो-तस्करी को रोका जाए। पहले से चली आ रही गोशालाओं के निरीक्षण का भी मुख्यमंत्री ने आदेश दिया।
सीएम योगी ने लोकभवन में बैठक के दौरान आयोग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहिए। ताकि अन्ना प्रथा खत्म हो सके। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आयोग के उपाध्यक्ष का सूचना नहीं दिए जाने को लेकर भी अधिकारियों और आयोग के पदाधिकारियों को फटकार लगाई।
इसके अलावा शासन स्तर पर आयोग के पदाधिकारियों को सुविधाएं मुहैया न होने पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने जल्द से जल्द सुविधाएं देने की बात कही। इस दौरान सीएम ने इस कहा कि मवेशियों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाते समय क्रूरता न की की जाए। गोसेवा आयोग को निराश्रित गोवंश के लिए ही पैसा दिया जाए। मुख्यमंत्री ने गोवंशों की नस्ल सुधार के लिए भी आयोग और अधिकारियों को निर्देशित किया।
सीएम योगी ने गौ सेवा आयोग के अधिकायरियों को निर्देश दिया है कि गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर काम करें। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि दो गाय रखने वाले किसानों को चारा के लिए 30 रुपए रोज के हिसाब से पैसे मुहैया कराएं।