अंकित प्रकाश
गर्मी से बदहाल लोग कपड़े उतारते जा रहे हैं और पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है. कपड़े उतरने की घटनाओं के तरह तरह के मामले सामने आ रहे हैं. पिछले सप्ताहांत कुछ महिलाएं म्यूनिख की इसार नदी के किनारे बिना कपड़ों के ही धूप सेंकती हुई पायी गईं. इन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए 5 सिक्युरिटी गार्ड्स आये और कपड़े पहनने को कहते ही महिलाओं ने उनसे झड़प शुरू कर दी.
झगड़ा थोड़ा बढ़ा तो इनका विरोध करने के लिए पास मे ही मौजूद और कई महिलाओं ने अपने कपड़े उतार फेंके. अंत में पुलिस को आना पड़ा और महिलाओं से कपड़े पहनने का निवेदन करना पड़ा.
मामले ने जल्द ही सोशल मीडिया पर तूल पकड़ लिया और इस बात से जुड़े हुए कानून समीक्षा की बात उठाई गई. म्यूनिख में मौजूदा कानून के अनुसार, नग्न अवस्था में रहने के लिए निर्धारित क्षेत्र के आलावा कहीं भी स्नान करने के लिए कम से कम स्विमिंग कास्ट्यूम को पहने रहना अनिवार्य है लेकिन कानून में ये नहीं लिखा है कि स्विमिंग कास्ट्यूम की परिभाषा क्या है. इसी बात को लोगों ने मुद्दा बना लिया.
गर्म मौसम के साथ गरमाती हुई बहस को लेकर ग्रीन पार्टी ने नगर पालिका से नग्नता सम्बन्धी कानून को लेकर उनके विचार स्पष्ट करने का अनुरोध किया. एक राजनेता ने बयान दिया कि, “मेरे लिए ये बात एकदम गलत है कि, आदमी तो बिना अधो वस्त्रों के नहा सकता है लेकिन औरतें ऐसा नहीं कर सकती हैं. ऐसा क्यूँ है?”.
प्रस्तावित रेगुलेशन बिना किसी विरोध के ही एक बार में पास हो गया और अब नया कानून ये है कि आदमी और औरत दोनों ही बिना किसी अधो वस्त्र के स्नान कर सकते हैं लेकिन दोनों को ही अपने गुप्तांगों को ढका हुआ रखना होगा.
वहीँ ब्रांडबर्ग में एक आदमी एकदम नंगा मोपेड चलते हुए पाया गया. पुलिस ने जब उसे रोका तो उसने सिर्फ हेलमेट और जूते पहन रखे थे. उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस और मोपेड के सारे कागज़ मौजूद थे. उसने शराब नहीं पी रक्खी थी. कारण पूछने पर उसने बताया कि गर्मी बहुत है. कानूनन उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी. पुलिस ने बस उससे पैंट पहनने का अनुरोध करके उसे जाने दिया क्योंकि नग्न अवस्था में गाड़ी चलाना कोई जुर्म नहीं है.
गर्मी का स्तर पिछले सालों की अपेक्षा रिकार्ड ऊंचाई पर है. यहाँ के लोगों का कहना है कि इतनी गर्मी यहाँ पर हमने आज तक नहीं झेली है. सिर्फ भारत ही गर्मी की मार नहीं झेल रहा है. इटली, फ़्रांस, जर्मनी समेत कई देशों में पारा 45 तक भी पहुँच चुका है. इन दिनों गर्म हवाओं और लू से लोग परेशान हैं। इटली में लू लगने से ३ लोगों की मौत हो चुकी है। लू को देखते हुए फ़्रान्स में 4000 स्कूल बंद कर दिए गए हैं और शरणार्थियों के लिए सरकार की तरफ़ से पानी का इंतेज़ाम किया गया है।