न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में बना महागठबंधन अब पूरी तरह से टूट गया है मायावती ने बीते सोमवार को छोटे बड़े चुनाव अकेले लड़ने के फैसले के बाद से गठबंधन के कयासों को पूरी तरह से विराम लग गया है। इसके बाद से दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है इस बीच सपा से निष्काषित राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने दोनों की दोस्ती को लेकर तीखा हमला बोला है।
अमर सिंह ने अखिलेश यादव की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब से की है और कहा है कि उसने अपनी ताजपोशी के लिए अपने पिता शाहजहां को जेल में डाल दिया था। उन्होंने अखिलेश यादव की तुलना कालिदास से भी की जिन्होंने उसी डाल को काट दिया था जिस पर वह बैठे थे।
In today’s political context of @samajwadiparty I am remembering Bahadur Shah as his end was also very sad like Mulayam Singh ji & Aurangzeb who caged his own father to ensure no threat to the throne like @yadavakhilesh. #SP #AkhileshYadav pic.twitter.com/JeHGjZHtGc
— Amar Singh (@AmarSinghTweets) June 24, 2019
अमर सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘समाजवादी पार्टी के आज के राजनीतिक परिदृश्य में मैं बहादुर शाह जफर को याद कर रहा हूं जिसका अंत मुलायम सिंह यादव की तरह बेहद दुखद रहा था। अखिलेश यादव औरंगजेब की तरह हैं जिसने अपने पिता को केवल इसलिए जेल में डाल दिया था ताकि उसकी ताजपोशी को कोई खतरा न हो।’ इसके अलावा अमर सिंह ने मायावती के अखिलेश यादव के मुस्लिम विरोधी होने के आरोप का भी समर्थन किया।
पिता को अध्यक्ष और चाचा को दल से निकाला
उन्होंने कहा, ‘मायावती ने अखिलेश यादव को मुस्लिम विरोधी बताया है। यह आरोप अखिलेश यादव के साथ जुड़ने जा रहा है क्योंकि अफजाल अंसारी कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार होते थे, उस समय मुलायम सिंह और शिवपाल ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर लिया था। उस समय अखिलेश यादव ने एक मुसलमान का विरोध करते हुए अपने पिता को अध्यक्ष पद से और अपने चाचा को दल से निकाल दिया। उनका सहयोग करने के लिए मेरी भी एसपी से छुट्टी कर दी।’
गेस्ट हाउस, ताज कॉरिडोर कई मुद्दे मायावती का कर रहे पीछा
अमर सिंह ने कहा, ‘जब राज्यसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार की हार हुई और (एसपी प्रत्याशी) जया बच्चन की जीत हुई तो केवल मायावती ने अखिलेश की राजनीतिक अपरिपक्वता को समझा था। गेस्ट हाउस, ताज कॉरिडोर और पोंटी चड्ढा सुगर मिल घोटाला जैसे कई मुद्दे मायावती का पीछा कर रहे हैं।’ मायावती मतलब निकल जाने के बाद अखिलेश यादव को पहचान नहीं रही हैं।
मुख्तार अब्बास नकवी ने भी किया ट्वीट
इसके अलावा केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी मायावती और अखिलेश यादव के गठबंधन टूटने के बाद तंज कसा है। उन्होंने अपने ट्वीटर अकाउंट पर फिल्म का गाना शेयर करते हुए नकवी ने दोनों की दोस्ती पर सवाल उठाए। अखिलेश यादव और मायावती की तस्वीर के साथ ट्विटर पर मुख्तार अब्बास नकवी ने लिखा, ‘अजीब दास्तां है ये ,कहां शुरू कहां खत्म, ये मंजिलें है कौनसी, न वो समझ सके, न हम।
अजीब दास्ताँ है ये ,कहाँ शुरू कहाँ खतम।
ये मंज़िले है कौनसी न वो समझ सके न हम। pic.twitter.com/bAEuOXmjmn— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) June 25, 2019