न्यूज डेस्क
आज के करीब 44 साल पहले आज ही के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था। 1975 से 1977 तक 21 महीने की अवधि के लिए देश में आपातकाल घोषित किया था। आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास के सबसे विवादास्पद समय में से एक माना जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उन सभी महान लोगों को याद किया जिन्होंने निडर होकर आपातकाल का विरोध किया था। पीएम मोदी ने एक छोटा सा वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा- ‘भारत उन सभी महान लोगों को सलाम करता है, जिन्होंने आपातकाल का जमकर विरोध किया।’
भारत का लोकतांत्रिक लोकाचार ने अधिनायकवादी मानसिकता को सफलतापूर्वक हराया। एक मिनट 27 सेकेंड के वीडियो में राज्यसभा में मोदी के 2015 के इमरजेंसी काल को लेकर संबोधन को दिखाया गया है।
यह भी पढ़ें : मेहुल की नागरिकता होगी रद्द, जल्द लाया जायेगा भारत
उन्होंने कहा, ‘इस अवधि के दौरान कू्ररताएं सामने आईं, लेकिन देश नहीं झुका।’ उन्होंने कहा कि पूरे देश को जेल में बदल दिया गया।’
इस वीडियो में उस समय के अखबारों के लेखों की क्लिपिंग भी थी। इसमें प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा पीटते हुए दिखाया गया है जो महिला प्रदर्शनकारियों को सड़क पर ले गए।
India salutes all those greats who fiercely and fearlessly resisted the Emergency.
India’s democratic ethos successfully prevailed over an authoritarian mindset. pic.twitter.com/vUS6HYPbT5
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2019
अमित शाह ने भी दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने इस अवधि के दौरान ‘लोकतंत्र को बहाल करने के लिए अपनी लड़ाई में यातनाएं झेलीं।’
उनके ट्वीट के साथ पोस्ट की गई तस्वीर में एक अखबार ने लिखा-”आपातकाल लगा दिया गया, जेपी, मोरारजी, अडवाणी, अशोक मेहता और वाजपेयी गिरफ्तार।”
यह भी पढ़ें : जब संसद में शपथ लेने पहुंची ये संस्कारी सांसद
शाह ने ट्वीट में लिखा, ‘इस दिन 1975 में देश के लोकतंत्र को राजनीतिक फायदों के लिए मार दिया गया था। देशवासियों से मौलिक अधिकारों को छीन लिया गया था। समाचार पत्र बंद कर दिए गए थे। लोकतंत्र को बहाल करने के लिए उनकी लड़ाई में लाखों देशभक्तों को प्रताड़ित किया गया था। मैं सभी सेनानियों को सलाम करता हूं।’
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस अवधि को देश के इतिहास में एक ‘काला धब्बा’ करार दिया। नड्डा ने ट्वीट किया, ‘मैं उन सभी ‘सत्याग्रहियों’ के सामने झुकता हूं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और लोकतांत्रिक भावना को जीवित रखा। 1975 में देश में आपातकाल नियम लागू करना एक ‘काले धब्बे’ की तरह था। ‘