न्यूज डेस्क
अभी तक आप ने अदालत में मुजरिमों को ही पेश होते देखा होगा लेकिन इस बार एक गाय को अदालत में पेश किया गया है। इस बात को जानकर आपको हैरानी होगी लेकिन यह सच है। जोधपुर की एक स्थानीय अदालत में सभी लोग तब हैरान हो गए जब एक गाय को वहां पेश किया गया।
वकील ने बताया कि ओम प्रकाश और श्याम सिंह के बीच गाय के मालिकाना हक को लेकर पिछले छह महीने से विवाद चल रहा था। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पेश किए गए सभी सबूतों के आधार पर गाय को ओम प्रकाश को दिया जाएगा।
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क्या है मामला
दरअसल, जोधपुर के मंडोर थाना इलाके के निवासी कांस्टेबल ओमप्रकाश विश्नोई और शिक्षक श्यामलाल के बीच एक गाय को लेकर छह महीने से विवाद चल रहा था। ओमप्रकाश इस गाय को अपनी बता रहा था। वहीं दूसरी तरफ श्यामलाल ने ओमप्रकाश पर गाय कब्जाने का आरोप लगा कर उसके खिलाफ मंडोर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवा दी। पहले थाना स्तर पर मामले को सुलझाने के प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं बनी तो मामला कोर्ट पहुंचा।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों से गाय के स्वभाव के बारे में पूछा गया। श्यामलाल ने कहा कि बछड़ा होने के बाद उसकी गाय खुद का दूध खुद ही पीती है। इस पर गाय को एक गौशाला में रखवा दिया गया। जब उसने एक बछड़े को जन्म दिया, तब गाय को 50 घंटे तक सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखकर रिकॉर्डिंग की गई, ताकि यह पता लगाया जा सके कि गाय खुद का दूध खुद पीती है या नहीं? लेकिन, यह मशक्कत काम नहीं आई और इस बात की जानकारी नहीं हो पाई कि गाय खुद का दूध पीती है या नहीं।
दर्ज कराई गई कई लोगों की गवाही
इसके बाद मामले की सुनवाई महानगर मजिस्ट्रेट संख्या-3 में हुई। कई गवाहों की गवाही दर्ज कराई गई। एक बार गाय को कोर्ट में भौतिक सत्यापन के लिए पेश किया गया। खुद मजिस्ट्रेट ने अपने कक्ष के बाहर आकर गाय का सत्यापन किया। इसके बाद कोर्ट ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत को अपनाते हुए यह फैसला लिया कि गाय को दोनों दावेदारों के घर के बीच खड़ी कर दी जाए। गाय जिसके भी घर जाएगी वही उसका मालिक होगा।
वीडियोग्राफी करवा कर किया गया फैसला
इस प्रक्रिया के लिए कोर्ट ने एक अधिकारी को नियुक्त किया। गाय को ले जाया गया और दोनों दावेदारों के घर के बीच खड़ा कर दिया गया। गाय ओमप्रकाश के घर चली गई। इस पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी करवाई गई। इस कार्यवाही के बाद कोर्ट ने ओमप्रकाश के पक्ष में फैसला दे दिया। वहीं श्यामलाल का कहना है कि वह इस आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे।
कोर्ट के आदेश को फाड़ा
इसके बाद गाय के मालिकाना हक को लेकर श्याम सिंह परिहार गौशाला पहुंच गया और उसने कहा कि में कोर्ट के आदेश को नहीं मानता हूं और गाय आप नहीं ले जा सकते। इस बीच तकरार में श्याम सिंह और गाय के मालिक ओमप्रकाश में झगड़ा शुरू हो गया। पुलिस के सामने ही श्याम सिंह परिहार ने हमला बोल दिया और उसके बाद कोर्ट के आदेश को फाड़ कर कहा कि मैं नहीं मानता कोर्ट के इस आदेश को।
पूरा माजरा पुलिस के सामने हुआ और फिर पुलिस श्याम सिंह को पुलिस ने हिरासत में लेकर थाने ले आई। श्याम सिंह ने वहां पर जिस गाड़ी में गाय को ले जाया जा रहा था, उसके कांच तोड़ दिए।