न्यूज डेस्क
फादर्स डे यानी वो दिन जो पिता को समर्पित है। आज देश विदेश में लोग इसे बड़े उत्साह के साथ मना रहे है। हो भी क्यों न, क्यों कि एक पिता अपने पुत्र के लिए हर वो कार्य करते हैं जिसके बदौलत आज हमारा अस्तित्व निखरता है। इसकी शरुआत सबसे पहले 19 जून 1910 को वाशिंगटन में हुई। आज साल 2019 में फादर्स-डे के 109 साल पूरे हो गए। इसकी शुरुआत के पीछे एक रोचक कहानी है।
यह कहानी सोनेरा डोड से सम्बंधित है. सोनेरा जब छोटी सी थी, तभी उनकी मां का देहांत हो गया। सोनेरो के जीवन में मां की कमी को पिता विलियम स्मार्ट ने कभी महसूस नहीं होने दिया और उसे मां का भी प्यार दिया। एक दिन यूं ही सोनेरा के दिल में ख्याल आया कि आखिर एक दिन पिता के नाम क्यों नहीं हो सकता? और फिर फादर्स डे को मनाने के लिए तय किया गया
इस तरह 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स डे मनाया गया। 1924 में अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कोली ने फादर्स डे पर अपनी सहमति दी। फिर 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जानसन ने जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने की आधिकारिक घोषणा की। इस खास दिन पर अमेरिका में 1972 में फादर्स डे पर स्थायी अवकाश घोषित हुआ
एक पिता ही हमारे भविष्य को संवारने में अपने सुख चैन को भुला देता है, ऐसे में बच्चों के बड़े होने और अपने पैरों पर खड़े होने के बाद ये फर्ज बनता है कि उनके बुढ़ापे का सहारा बनें। बुढ़ापे में शारीरिक कठिनाइयों से जूझने और आय के नियमित साधन न होने पर बुजुर्गों के मुश्किलें बढ़ जाती है।
ऐसे में शादीशुदा और कामकाजी संतानों के लिए भी उनकी सेहत को लेकर चिंता बढ़ जाती है। इस भागदौड़ भरी लाइफ में वे अपने मां-बाप के साथ समय तो ज्यादा नहीं बिता सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिससे आप उनकी सेहत का खास ख्याल रख सकते हैं।
चिकित्सा बीमा बेहतर कदम
माता-पिता की उम्र 60 साल से ज्यादा होने पर उनके लिए चिकित्सा बीमा लेना बेहतर कदम है। यह बीमा उनकी किसी भी स्थिति में चिकित्सा जरूरतों को तो पूरा करता ही है, साथ में आपको बीमा के बदले सालाना 50,000 रुपये तक टैक्स में छूट भी मिलता है। कर छूट का यह लाभ धारा80सी में मिलने वाले 1.5 लाख रुपये तक की छूट के अलावा है। एकमुश्त चुकाए गए हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर कर छूट का लाभ पूरी अवधि तक मिलता है। फैमिली फ्लोटर प्लान में भी पिता को जोड़कर उनकी चिकित्सा सुरक्षा को बढ़ा सकते हैं।
दूर कर सकते है आर्थिक कठिनाइ
अगर आपके मां-बाप के पास पहले से कोई जीवन बीमा नहीं है तो आप उनके लिए ये निवेश विकल्प ले सकते हैं। टर्म इंश्योरेंस बीमित व्यक्ति की अकस्मात मौत से परिवार को होने वाली आर्थिक कठिनाइयों को दूर करता है। आप पिता को आर्थिक मदद देकर उन्हें यह पॉलिसी खरीदने में मदद कर सकते हैं। या प्रीमियम का रिफंड भी कर सकते हैं। कैंसर, हार्ट या अन्य गंभीर बीमारियों से जुड़ी पॉलिसी भी आती हैं, जिनका खर्च उठाकर पिता के स्वास्थ्य को सुरक्षा दे सकते हैं। अपने पिता को यह सुरक्षा कवच शादीशुदा बेटियां दे सकती हैं।
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम
बूढ़े माँ बाप के लिए डाक घर की ओर से पेश सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम भी एक अच्छा उपहार हो सकता है। इस स्कीम में आप खुद तो निवेश नहीं कर सकते, लेकिन पिता को निवेश के लिए जरूरी रकम उपहार में दे सकते हैं। इसके तहत हर तिमाही ब्याज आपके मां-बाप को मिलता रहेगा। इसमें परिपक्वता अवधि पांच साल होती है, जिसे तीन साल बढ़ा सकते हैं।
पारंपरिक बचत योजनाओं में इसमें सर्वाधिक 8.7 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। 60 वर्ष या फिर इससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति इस खाते को खुलवा सकता है। वहीं 55 वर्ष से अधिक या 60 वर्ष से कम उम्र के ऐसे लोग जो वीआरएस ले चुके हैं वो भी खाता खुलवा सकते हैं।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम
जोखिम उठाने में सक्षम है तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम भी चुन सकते हैं। इस स्कीम के तहत आप टैक्स बचत का लाभ ले सकते है साथ ही इसमें लॉक इन पीरियड महज तीन साल का होता है। ऐसे में इसे काफी लचीली निवेश योजना माना जाता है। आप पिता को जरूरतों के हिसाब से उन्हें प्योर पेंशन प्लान, एंडावमेंट प्लान और गारंटी युक्त इनकम का एन्युटी प्लान भी दे सकते हैं।
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जिम, योगा क्लास और फिटनेस बैंड
इसके अलावा और भी कई तरह के उपाए है जिनसे आप अपने माता पिता की मदद कर सकते है अकेलेपन और तनाव को दूर करने के लिए मां-बाप को जिम, योगा क्लास या लॉफिंग क्लब की सदस्यता का उपहार देना भी सम्मान और आदर दिखाता है। वहीं, आजकल फिटनेस बैंड का भी चलन बढ़ा है, जो दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर और स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम बारीकियों पर नजर रखते हैं।
ऐसे में पिता की जीवन शैली को संतुलिन और चिंतामुक्त बनाने के लिए यह एक अच्छा तोहफा हो सकता है। फिटनेस बैंड से मिली रिपोर्ट को आप ऑनलाइन हासिल कर सीधे उस डॉक्टर के पास भी भेज सकते हैं, जो आपके पिता के निवास स्थान के करीब हो। इससे उनके स्वास्थ्य की उचित देखभाल हो सकती है।
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