न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही हिंसक घटनाओं और खराब कानून व्यवस्था के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आज काला दिवस मना रही है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच आए दिन हो रही हिंसक झड़पों को लेकर गृह मंत्रालय ने ममता सरकार से एडवाइजरी जारी कर जवाब मांगा था। इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर बताया है कि चुनाव के बाद से ही लगातार हिंसक झड़प हुई है, लेकिन अभी स्थिति नियंत्रण में है।
जानकारी के अनुसार, राज्य के मुख्य सचिव मलय कुमार डे ने गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा है कि हिंसा के सभी मामलों में बिना देरी के कड़ी और उचित कार्रवाई की गई है। इसके अलावा उन्होंने लिखा है कि, ‘कुछ असमाजिक तत्वों ने चुनाव बाद झड़प की छिट पुट घटनाओं को अंजाम दिया। कानून प्रवर्तन अधिकारी ऐसे सभी मामलों में बिना किसी देरी के कड़ी एवं उचित कार्रवाई करते हैं।
पत्र में कहा गया है कि उत्तर 24 परगना जिले के नाजट पुलिस थाना क्षेत्र के तहत हुई हिंसा के मामले को भी दर्ज कर लिया गया है। साथ ही जांच भी शुरु कर दी गई है। वह भी इस परिस्थिति में जब क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल सड़कों पर और आस-पास के क्षेत्रों में व्यस्त हैं।
वहीं, बताया गया कि किसी भी परिस्थिति में इसे राज्य में कानून का शासन बनाए रखने में कानून लागू करने वाले तंत्र की नाकामी नहीं समझा जाना चाहिए’। बता दें कि इससे पहले दिन में केन्द्र ने राज्य सरकार को परामर्श जारी किया था। दिये परामर्श में गृह मंत्रालय ने उससे कानून व्यवस्था और शांति बनाये रखने को कहा था।
गृह मंत्रालय की एडवाइजरी पर टीएमसी ने कड़ी आपत्ति जताई है, गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में टीएमसी ने एडवाइजरी वापस लेने के लिए कहा है। टीएमसी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने बिना जमीनी हकीकत को जाने पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर एडवाइजरी जारी कर दी है। इस मामले में राज्य सरकार से भी कोई रिपोर्ट नहीं ली गई है।
इस पर टीएमसी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आचार संहिता की आड़ में बीजेपी के गुंडों ने राज्य में हिंसा की और अब बीजेपी और गृह मंत्रालय का नेतृत्व भी उसी व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है। बीजेपी जो भी चाहती है गृह मंत्रालय आंख मूंदकर उसे मान रहा है।
सत्तारूढ़ टीएमसी ने आगे कहा- बतौर राष्ट्रीय पार्टी हम ये पूछना चाहते हैं कि इस प्रकार की एडवाइजरी यूपी सरकार के खिलाफ क्यों नहीं जारी की गई जहां यादव समुदाय के 25 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई।