न्यूज डेस्क
एसबीआई ने मार्च 2019 में ही अपनी बचत खाते जमा और कर्ज दरों को आरबीआई रेपो रेट से जोड़ने का ऐलान किया था। इसीलिए आरबीआई द्वारा रेपो रेट में की गई 0.25 फीसदी की कटौती का फायदा एसबीआई ग्राहकों को मिलेगा। हालांकि, इसके लिए अभी ग्राहकों को एक जुलाई तक का इंतजार करना पड़ेगा। इसके जरिए लिंक सभी लोन 0.25 फीसदी तक सस्ते हो जाएंगे।
एक्सटर्नल बेंचमार्किंग नियम के तहत एसबीआई यह पहल करने वाला देश का पहला बैंक है। इसके पहले एसबीआई बीती एक मई से लोन को लेकर बड़ा बदलाव कर चुका है। बैंक ने रेपो रेट को बैंक दरों से जोड़ दिया है। यह एक लाख रुपये से ज्यादा के लोन पर लागू है।
क्या है एक्सटर्नल बेंचमार्किंग
एक्सटर्नल बेंचमार्किंग नियम के तहत लोन्स में ‘फ्लोटिंग’ (परिवर्तनीय) ब्याज दरें रेपो रेट या गवर्मेंट सिक्योरिटी में निवेश पर यील्ड जैसे बाहरी मानकों से संबद्ध की जाती है। इससे यह फायदा होगा कि आरबीआई अपने पॉलिसी रेट में कुछ भी परिवर्तन करता है तो उससे कस्टमर्स के लोन भी सस्ते या महंगे हो सकते है।
फिलहाल बैंक अपने कर्ज पर दरों को प्रिंसिपल लेंडिंग रेट, बेंचमार्क प्रिन्सिपल लेंडिंग रेट, बेस रेट और मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट जैसे आंतरिक मानकों के आधार पर तय करते हैं।
एसबीआई द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में बदलाव का फायदा ग्राहकों को तुरंत देने के उद्देश्य से सेविंग डिपॉजिट और कम अवधि के कर्ज की ब्याज दर को रेपो रेट से जोड़ने का फैसले को एक मई 2019 को लागू किया था। हालांकि, इससे एसबीआई के सभी ग्राहकों को फायदा नहीं होगा। यह नियम सिर्फ उन्हीं खातों पर लागू होगा, जिनमें एक लाख रुपये से अधिक राशि हो।