सैय्यद मोहम्मद अब्बास
वैसे तो खाकी का नाम सुनते ही बदमाशों को पसीना आना चाहिए और शरीफो को एक भरोसा। लेकिन यूपी पुलिस की खाकी अपने तमाम दावों के बावजूद अपना असर खोटी दिखाई दे रही है।
उत्तर प्रदेश पुलिस तंत्र इतना कमजोर दिखाई देने लगा है कि सरेआम यहां पर किसी के साथ कुछ भी हो सकता है और पुलिस उन्हें रोकने में नाकाम है। ताजा मामला अलीगढ़ का है जहां पर सरेआम दो साल की बच्ची को मौत के घाट उतार दिया गया है और आरोप ये भी लगा कि उसके साथ रेप भी किया गया है। हालांकि रेप के आरोपों को पुलिस नकार रही है। इस घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा है और खाकी केवल हाथ पे हाथ रखी खड़ी है।
यूपी में लगातार फेल हो रही पुलिस
यूपी में खाकी शब्द अब सवालों के घेरे में है। आये दिन किसी भी महिला की इज्जत सरेआम तार-तार कर दिया जाता है या फिर पुलिस के भेस में यही खाकी अपराधी भी बन जाती है। पिछले साल की बात है यहां पर सरेआम विवेक तिवारी नामक एक शख्स को पुलिस ने अपनी गोली का शिकार बनाया था। शुरुआती दौर में इसे दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी लेकिन बात में पता लगा कि यूपी पुलिस अपने नाम को चमकाने के लिए कभी-कभी इस तरह की खौफनाक घटनाओं को अंजाम देती है जो शायद वर्दी की आड़ में एक अनोखा अपराध है।
जब पुलिस के शक्ल में अपराधी आ जाते हैं सामने
इतना ही इसी साल यूपी में खासकर लखनऊ में अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद है कि सरेआम बैंको में डकैती हो रही है या फिर रात के सन्नाटे में किसी के घर में जबरन घुसकर करोड़ों की डकैती करना हो। ये सब ऐसी घटनाये है जो यूपी पुलिस की साख पर बट्टा लगाती नजर आ रही है। इस साल मार्च में लखनऊ के गोसाईगंज थाने में वर्दी की आड़ में ऐसी घटना को अंजाम दिया है जो शायद आम लोगों को पुलिस के नाम से डर लगने लगे।
जानकारी के मुताबिक यहां पर दारोगा, साथी दरोगा व अन्य पुलिसवालों के साथ छापेमारी का धौंस दिखाकर एक बिजनेसमैन के घर में घुसा और 1.85 करोड़ रुपये लूट कर डाली थी और पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। सोने चांदी की दुकानदारों पर आफत आ गई है। उन्हें लगातार अपराधी अपनी गोली का निशाना बनाते हैं और फिर करोड़ों की लूट की घटना को अंजाम दे जाते। पिछले साल ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में रिंग रोड पर दिन-दहाडें बाइक सवार बदमाशों ने पेट्रोल टंकी के कैशियर से लूट ही नहीं बल्कि विरोध करने पर मारी थी गोली। विभूतिखंड थाना क्षेत्र में गैस एजेंसी के कैशियर श्याम सिंह हत्याकांड और गोंडा बैंक डकैती मामला भी खूब सुर्खियों में रहा है।
अलीगढ़ में मासूम बच्ची की हत्या और रेप से फैली सनसनी
उत्तर प्रदेश में 10 हजार रु कर्ज के विवाद में दो साल की बच्ची को हत्या ही नहीं पहले उसे अपनी हवस शिकार भी बनाया गया है। पुलिस ने हालांकि रेप से पाला झाड़ा है लेकिन इस घटना के बाद पूरी पुलिस पर सवाल उठाया जा रहा है। एक्शन लेने की बात कही जा रही है लेकिन सवालों के घेरे में पुलिस है। हत्या है इतनी खौफनाक है आम आदमी की रूह कांप जाये। बच्ची का शव 2 जून को घर के पास क्षत-विक्षत हालत में कूड़े के ढेर में मिला था। उसका एक हाथ गायब था और आंखें बाहर निकली हुई थीं। पुलिस ने कुछ लोगों को दबोचा है लेकिन सवाल यहीं है कि कब तक जुल्म ऐसे ही होगा और यूपी पुलिस ऐसे ही बहाने बनाती रहेगी। योगी भले ही अपनी पुलिस को लेकर दावे करे लेकिन सच्चाई यही है सूबे में अपराधी अपनी धमक को बरकरार रखना चाहते हैं और यूपी पुलिस इन्हें रोकने में नाकाम साबित हुई है।