न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में ढाई साल की मासूम बच्ची की जघन्य हत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। राजनीतिक जगत से लेकर बॉलीवुड तक सभी ने इस घटना पर अफसोस जाहिर करते हुए दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए SSP ने SP क्राइम और SP देहात की अगुवाई में SIT का गठन किया है। इस टीम की अगुवाई एसपी क्राइम और एसपी देहात करेंगे। मामले पर ADG (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने कहा कि आरोपियों पर POSCO एक्ट लगाया जाएगा।
इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों कर पर NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगा दिया है, वहीं अब तक 5 पुलिसवाले सस्पेंड किए जा चुके हैं। बच्ची के पिता बनवारी लाल शर्मा की शिकायत पर जाहिद और असलम नामक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ में पता चला है कि दोनों आरोपियों का बच्ची के पिता से धन के लेन-देन को लेकर झगड़ा हुआ था।
गौरतलब है कि अलीगढ़ के टप्पल पैसे के लेन-देन को लेकर हुए विवाद के कारण तीन साल की एक बच्ची की हत्या करके उसका शव कूड़े के ढेर में डाल दिया था। गुमशुदगी के ठीक पांच दिन बाद लोगों ने कूड़े के ढेर में कुत्तों के झुंड को एक शव जैसी चीज को नोंचते हुए देखा जिससे तेज दुर्गंध भी आ रही थी।
जब लोग नजदीक गए तो पता चला यह उसी मासूम का शव है जो 31 मई को लापता हुई थी। पहले आशंका जताई जा रही थी कि बच्ची से दरिंदों ने पहले हैवानियत की और फिर उसकी हत्या कर दी हालांकि पुलिस ने रेप की बात से इनकार किया है।
जिस हालत में बच्ची का शव मिला है उसे देखकर किसी का भी दिल दहल सकता है। बच्ची की आंखें बाहर निकली हुई थीं और हाथ शरीर से अलग पड़ा था। मासूम की बरामदगी में हुई देरी की वजह से उसके परिजनों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।
मामला दो समुदायों से जुड़ा होने की वजह से मौके पर बड़े पैमाने पर पुलिस बल को तैनात किया गया है। वहीं मतृक के परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की है। परिवार का कहना है कि ऐसा कैसे हो सकता है कि तीन दिन बच्ची की लाश पुलिस को पता न हो।
ईद के दिन जब पूरी दुनिया जश्न में डूबी हुई थी और सोशल मीडिया पर सब ईद की बधाई दे रहे थे, उस दौरान ट्वीटर पर Aligarh Twinkle Sharma Murder case के नाम से तीन ट्रेंड चल रहे थे। कल से लेकर अब तक में हज़ारों ट्वीट हो चुकी हैं, हज़ारों लोग इस मामले से जुड़कर ट्विटर पर अपनी राय देने में लगे हैं। सभी ने आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।
हालांकि ये ऐसा पहले मौका नहीं जब किसी बच्ची के साथ ऐसी घिनौनी वारदात हुई हो इससे पहले भी कई बार ऐसे अपराध होते रहे हैं लेकिन समाज के अंदर इंसान के रूप में खुलेआम घूम रहे दंरिदों के अंदर न तो कानून खौफ रहता है और न ही भगवान।
गाजियाबाद में नौ साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या
कुछ दिन पहले 30 मई को गाजियाबाद के कविनगर थाना क्षेत्र के सेक्टर 23 इलाके में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग की पांचवीं मंजिल पर एक नौ साल की बच्ची का शव नग्न अवस्था में मिला है। बच्ची के शव के मिलने के बाद इलाके में सनसनी फेल गई। बच्ची के गले पर दबाए जाने के निशान मिले हैं।
ऐसी आशंका जताई गई है कि रेप के बाद उसकी गला दबाकर हत्या की गई है। मृतक बच्ची का पिता इसी इमारत के निर्माण में मजदूरी का काम करता है। इस मामले में एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया है कि बच्ची के शव मिलने के बाद बिल्डिंग को पूरी तरह सर्च किया गया। पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ पुलिस कर रही है।
दिल्ली में सात बच्ची की हत्या
दिल वालों दिल्ली कह जाने वाले शहर का हाल भी कुछ ठीक नहीं है, शहर में रहे लोग इंसानियत को भूलते जा रहे हैं। यहां कि निहाल विहार में इसी साल 12 फरवरी को सात साल की बच्ची का शव मिलने से हड़कंप मच गया। मामले की जांच के पुलिस पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान 52 साल के रामशरण और 20 साल के राजेंद्र के तौर पर हुई है। जांच में सामने आया है कि राजेंद्र ने बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म किया था। वहीं, रामशरण ने बेटे के गुनाह को छिपाने के लिए हत्या के बाद शव को फेंकने में उसकी मदद की थी।
पंचकूला में पांच साल की हत्या
हिमाचल प्रदेश के पंचकूला में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई, यहां जब पांच साल की एक मासूम का बलात्कार कर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है। मृतक बच्ची सेक्टर-14 स्थित लिटल फ्लावर कॉन्वेंट स्कूल के सामने स्थित झुग्गियों में रहती थी। आरोपी लखपत इस मासूम बच्ची के पिता के साथ काम करता था।
अहमदाबाद के साबरकांठा जिले में पिछले साल हुए 14 माह की बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में बिहार के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी किया गया। इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में गैर गुजरातियों, खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले लोगों को निशाना बनाया गया।
नेशनल क्राइम ब्यूरो रिकॉर्ड
नेशनल क्राइम ब्यूरो रिकॉर्ड के मुताबिक, देश में हर रोज 290 बच्चे ट्रैफिकिंग, जबरन मजदूरी, बाल विवाह, यौन शोषण जैसे अपराधों के शिकार होते हैं। देश में 12 साल की उम्र से कम वाले बच्चों के साथ मर्डर, किडनैपिंग जैसी घटनाएं काफी अधिक मात्रा में होती हैं।
2014 में बच्चों के साथ हुए अपराध के कुल 89,423 मामले दर्ज हुए थे, 2015 में ये नबंर 94,172 तक पहुंच गया और 2016 में इस आंकड़े ने 1 लाख का नंबर भी पार कर लिया। इनमें भी POCSO कानून के तहत दर्ज होने वाले मामलों की संख्या 8904 से बढ़कर 35980 तक पहुंची है।
ये घटनाएं वो हैं जिसे अखबरों ने जगह दी, बहुत सी घटनाएं ऐसी है जिसे सुर्खियों में जगह नहीं मिल पाती। ऐसे में हम और हमारे समाज को सोचना पड़ेगा कि कैसे हमारे देश के भविष्य सुरक्षित होगा।