उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 3 साल की बच्ची की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों कर पर NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगा दिया है, वहीं अब तक 5 पुलिसवाले सस्पेंड किए जा चुके हैं।
बता दें कि अलीगढ़ के टप्पल पैसे के लेन-देन को लेकर हुए विवाद के कारण 3 साल की एक बच्ची की हत्या करके उसका शव कूड़े के ढेर में डाल दिया था। गुमशुदगी के ठीक पांच दिन बाद लोगों ने कूड़े के ढेर में कुत्तों के झुंड को एक शव जैसी चीज को नोंचते हुए देखा जिससे तेज दुर्गंध भी आ रही थी।
जब लोग नजदीक गए तो पता चला यह उसी मासूम का शव है जो 31 मई को लापता हुई थी। पहले आशंका जताई जा रही थी कि बच्ची से दरिंदों ने पहले हैवानियत की और फिर उसकी हत्या कर दी हालांकि पुलिस ने रेप की बात से इनकार किया है।
जिस हालत में बच्ची का शव मिला है उसे देखकर किसी का भी दिल दहल सकता है. बच्ची की आंखें बाहर निकली हुई थीं और हाथ शरीर से अलग पड़ा था। मासूम की बरामदगी में हुई देरी की वजह से उसके परिजनों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।
बच्ची की रेप की आशंका को लेकर अलीगढ़ के एसपी आकाश कुलहरी ने कहा है कि बच्ची की मौत गला दबाकर की गई और उसके साथ रेप नहीं हुआ है। पुलिस के दावे के मुताबिक इस बात का खुलासा पोस्टमार्टम के जरिए हुआ है।
मामला दो समुदायों से जुड़ा होने की वजह से मौके पर बड़े पैमाने पर पुलिस बल को तैनात किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने गुरुवार को बताया कि गत 31 मई को टप्पल से लापता हुई 3 साल की बच्ची का क्षत-विक्षत शव गत 2 जून को उसके घर के पास एक कूड़े के ढेर में दबा पाया गया।
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वहीं मतृक के परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की है। परिवार का कहना है कि ऐसा कैसे हो सकता है कि तीन दिन बच्ची की लाश पुलिस को पता न हो।