न्यूज डेस्क
पीएम मोदी के नये मंत्रिमंडल में भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज को जगह नहीं मिली है। हालांकि गुरुवार शाम तक उम्मीद जतायी जा रही थी कि इस सरकार में भी उन्हें जगह मिलेगी। फिलहाल सुषमा स्वराज ने गुरुवार को मोदी कार्यकाल के दूसरे कार्यकाल में मंत्रियों के शपथ के बाद ट्विटर पर एक विदा संदेश लिखा, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद किया।
पीएम मोदी की पिछली सरकार में सुषमा स्वराज को विदेश मंत्रालय का जिम्मा दिया गया था। सुषमा ने बखूबी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया था। उनके काम की खूब तारीफ हुई थी।
लोकसभा चुनावों में मिली प्रचंड जीत के बाद मोदी सरकार 2.0 ने गुरुवार को शपथ भी ले लिया। शपथ ग्रहण समारोह के बाद सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर पीएम मोदी का आभार जताते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्रीजी, आपने 5 वर्षों तक मुझे विदेश मंत्री के तौर पर देशवासियों और प्रवासी भारतीयों की सेवा करने का मौका दिया और पूरे कार्यकाल में व्यक्तिगत तौर पर भी बहुत सम्मान दिया। मैं आपके प्रति बहुत आभारी हूं। हमारी सरकार बहुत यशस्विता से चले, प्रभु से मेरी यही प्रार्थना है।’
https://twitter.com/SushmaSwaraj/status/1134134966097403904
सुषमा स्वराज के इस संदेश के बाद ट्विटर पर उनके प्रशंसकों में निराशा छा गई। लोग पूर्व विदेश मंत्री सुषमा की तारीफ करते दिखे। कई प्रशंसकों ने जहां सुषमा को शामिल नहीं करने पर पीएम मोदी पर सवाल उठाए हैं, तो वहीं कुछ लोगों ने सुषमा को मंत्री बनाए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान भी शुरू कर दिया है।
कुछ प्रशंसकों ने बतौर विदेश मंत्री सुषमा के काम की तारीफ करते हुए उन्हें प्रेरणादायी करार दिया। लोगों ने किसी ना किसी रूप में सक्रियता बनाए रखने की गुजारिश भी की।
सुषमा, उमा, अरुण समेत कई चेहरों को नहीं मिली जगह
मोदी के नई कैबिनेट में सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और उमा भारती नहीं हैं। जेटली ने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सरकार में शामिल न किए जाने का अनुरोध किया था जबकि स्वराज और भारती ने लोकसभा चुनाव ही नहीं लड़ा था। मोदी सरकार-1 के कई कैबिनेट मंत्रियों को नई सरकार में जगह नहीं मिली है। बीजेपी के नेताओं मेनका गांधी, सुरेश प्रभु, जेपी नड्डा, राधा मोहन सिंह को इस बार मंत्री नहीं बनाया गया।
राज्य मंत्रियों का भी कटा पत्ता
कैबिनेट मंत्रियों के अलावा राज्य मंत्री रैंक के भी राज्यवर्धन सिंह राठौड़, जयंत सिन्हा, विजय गोयल, महेश शर्मा, एसएस अहलुवालिया, के. अल्फोंस, राम कृपाल यादव, रमेश जिगाजिनागी, मनोज सिन्हा, अनंत कुमार हेगड़े, अनुप्रिया पटेल, सत्यपाल सिंह को भी मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया है। इन पूर्व मंत्रियों में से के. अल्फोंस और मनोज सिन्हा चुनाव हार गए जबकि बाकी जीतकर संसद पहुंचे हैं।