न्यूज़ डेस्क
नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद गांधी परिवार को एक और झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) नेशनल हेराल्ड मामले में हरियाणा के पंचकूला स्थित 64.93 करोड़ की कीमत वाली संपत्ति को जल्द ही अपने कब्जे में लेगा।
प्रवर्तन निदेशालय ने हरियाणा के पंचकूला में एक वाणिज्यिक भूखंड को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के अवैध रूप से नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को आवंटित करने के मामले में धन शोेधन कानून के तहत जब्त कर लिया है।
ईडी के अनुसार प्रतिवादी ने ऐसा कर अपराध किया। एजेएल को यह भूखंड 1982 में आवंटित किया गया था लेकिन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के एस्टेट ऑफिसर ने 30 अक्टूबर 1992 को आदेश रद्द कर दिया था क्योंकि एजेएल ने आवंटन पत्र की शर्तों का पालन नहीं किया था।
ईडी के मुताबिक हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने आधिकारिक एवं पद का दुरुपयोग किया और बेईमानी से मूल दरों पर 59,39,200 में 28 अगस्त, 2005 को एजेएल को पुन: आवंटन की आड़ में उक्त भूखंड आवंटित किया। साथ ही श्री हुडा ने आवश्यक शर्तों एवं नीति का भी उल्लंघन किया था।
एक दिसंबर 2018 को पीएमएलए के तहत पंचकूला में सेक्टर 6 में सी-17 प्लाट को जब्त करने का आदेश जारी किया गया था। अब इस पर कब्जा लेने के लिए मंजूरी मिल गई है और जल्द ही ईडी इस पर कब्जा ले लेगा।
इस मामले में सीबीआई हुड्डा और अन्य के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। हालांकि यह जमीन कोर्ट से एजेंसी के पक्ष में फैसला आने के बाद ही पूरी तरह से सरकार के कब्जे में आएगी।
ये था पूरा मामला
1982 में तत्कालीन सीएम भजनलाल ने यह प्लाट एजेएल को आवंटित किया था। 10 साल तक निर्माण नहीं होने पर हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट प्राधिकरण ने वापस ले लिया था। 2005 में मना करने के बावजूद तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 1982 की कीमत पर ही प्लाट एजेएल को फिर से आवंटित कर दिया।
ईडी के अनुसार, प्लाट की कीमत 64.93 करोड़ रुपये थी, जबकि हुड्डा ने केवल 59.39 लाख में आवंटित कर दी थी। 3360 वर्गमीटर के इस जमीन पर निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए 2008 से 2012 के बीच तीन बार एजेएल को गलत तरीके से राहत दी गई। एजेएल का कार्य 2014 में जाकर पूरा हुआ। इस मामले में सतर्कता विभाग ने मई 2016 में हुड्डा के खिलाफ मामला दर्ज किया था।