न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव में महाजीत हासिल करने वाले नरेंद्र मोदी गुरुवार को दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण की तैयारी लगभग पूरी हो गई हैं। इस बार शपथ ग्रहण में BIMSTEC देशों के प्रमुख को बुलाया गया है। साथ ही देश के प्रमुख नेता भी इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। खबरों की माने तो कार्यक्रम में 6500 खास मेहमान शामिल होंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के शपथग्रहण समारोह के लिए देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को न्योता भेजा गया है। गुरुवार की शाम सात बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समारोह में बिम्सटेक देशों (भारत के अलावा नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड व म्यांमार) को भी आमंत्रित किया गया है। सभी ने इसमें भाग लेने की पुष्टि कर दी है। नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण में पुड्डूचेरी के मुख्यमंत्री नारायमसामी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।
इससे पहले नए मंत्रिमंडल के लिए अमित शाह और नरेंद्र मोदी के बीच पांच घंटे की बैठक हुई, ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि इसमें मंत्रियों के नाम पर मुहर लगी गई। इसमें मापदंड भी तय हुए और भावी मंत्रियों के नाम भी। बीजेपी के साथ-साथ सहयोगी दलों की ओर से आए नामों पर भी चर्चा हुई और जीती गई सीटों के आधार पर मंत्रियों की संख्या का फॉर्मूला भी तय हुआ।
सूत्रों के अनुसार, नए मंत्रिमंडल में अधिकतर पुराने चेहरे शामिल रह सकते हैं, लेकिन सबसे ब़़डी चर्चा यह है कि खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मंत्रिमंडल में शामिल होंगे या नहीं। हालांकि, बीजेपी सूत्रों की माने तो जब तक नए अध्यक्ष की घोषणा नहीं होती तब तक अमित शाह को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाएगा।
सूत्रों की माने तो अमित शाह के मंत्रिमंडल में शामिल न होने की एक वजह है कि आने वाले दिनों में हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली और बाद में बंगाल में चुनाव होने वाले हैं। विधानसभाओं के यह चुनाव काफी अहम है, बीजेपी को राज्यसभा में अभी भी बहुमत नहीं है। अगर, 2020 तक बीजेपी को राज्यसभा में बहुमत चाहिए तो इन राज्यों को उसे जीतना ही होगा। यही वजह है कि अमित शाह के बीजेपी अध्यक्ष बने रहने की बात कही जा रही है।
अरुण जेटली ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी
इस बीच केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख अपील की है कि उन्हें मंत्री बनाने का विचार ना किया जाए। जेटली ने अपने खत में लिखा है कि पिछले 18 महीने से उनकी तबीयत खराब है ऐसे में वह जिम्मेदारी को नहीं निभा पाएंगे। इसलिए उन्हें मंत्री बनाने पर कोई विचार ना करें।