पोलिटिकल डेस्क
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को मिली प्रचंड जीत का जश्न जोरो पर है , लेकिन इस बीच चुनाव आयोग के उस दावे – जिसमे कहा गया कि पूरे देश में निष्पक्ष चुनाव हुए हैं- पर सवाल भी तेजी से उठने लगे लगे हैं।
जहाँ यूपी के कई सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को करीब करीब एक सामान वोट प्रतिशत मिलने की चर्चा जोरो पर है , उसी बीच न्यूज पोर्टल “न्यूज़क्लिक” ने एक नया खुलासा कर इस विवाद को और हवा दे दी है।
अपनी खबर में न्यूज़क्लिक ने चुनाव आयोग की वेब साईट से मिली सूचनाओं के हवाले से बताया है कि कई सीटों पर पड़े वोटो की तुलना में ज्यादा वोट गिन दिए गए हैं। इन सीटों में पटना साहिब, जहानाबाद और बेगूसराय जैसी हाई प्रोफ़ाइल सीटें भी शामिल हैं।
बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश के कई लोकसभा क्षेत्रों में, हजारों वोटों की गिनती की गई, जो कुल वोटों से अधिक थे।
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जिन आठ निर्वाचन क्षेत्रों की जांच की गई, वहां विसंगतिया मिली हैं। जिस वक्त देश में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के अनियमित और संदिग्ध व्यवहार के आरोप विपक्ष लगा रहा है , उस वक्त ऐसे आंकड़े चुनाव आयोग की साख को कमजोर करने वाले हैं।
ऐसे आंकड़ों से देश के कई पूर्व चुनाव आयुक्त भी चिंतित हैं। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसई कुरैशी ने कहा, ‘चूंकि विसंगतियां हैं, इसलिए चुनाव आयोग को समझाना पड़ेगा । कभी-कभी कुछ कारण होते हैं और चूंकि इस समय कोई ऐसा कारण सामने नहीं है, तो उन्हें (आयोग को) स्पष्टीकरण देना होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि “किसी को अदालत में भी जाना चाहिए।’
पूर्व सीईसी, एन गोपालस्वामी का कहना है – “यदि फॉर्म -17 ए के सर्वेक्षण में शामिल आंकड़ों को शामिल नहीं किया गया है और / या मेल मिलाप किया गया है, तो चुनाव आयोग से पूछें। आदर्श रूप से, इस तरह का सामंजस्य होना चाहिए था”।
ये मामले आये सामने
बिहार के पटना साहिब सीट पर भारतीय जनता पार्टी के रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा आमने सामने थे इस सीट पर कुल 20,51,905 वोटर थे और यहाँ 46.34% मतदान हुआ । यानी 9,50,852 वोट पड़े , मगर गिने गए 9,82,285 वोट। अब सवाल ये है कि आखिर 31,433 वोट कहां से आए ?
बेगूसराय में भी यही कहानी सामने आई है। यहाँ से भाजपा के गिरिराज सिंह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कन्हैया कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के मोहम्मद तनवीर हसन मैदान में थे । बेगूसराय में 29 अप्रैल को 61.27% मतदान हुआ। जिसमे तीनों प्रत्याशियों ने क्रमश: 6,92,193, 2,69,976 और 1,98,233 वोट प्राप्त किए। कुल 19,54,484 मतदाताओं में से 12,25,594 मतों की गिनती की गई। जबकि कुल मतदाताओं की संख्या का 61.27% 11,97,512 आता है। यानी 28,082 वोटों का भारी अंतर ।
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पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में विजेता भाजपा के गौतम गंभीर थे, जिन्होंने 6,96,156 मत हासिल किये थे , आम आदमी पार्टी के आतिशी मार्लेना को 2,19,328 मत मिले और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को 3,04,934 मत मिले। बाकी सभी प्रतियोगियों ने केवल 32,483 मत मिले यानी कुल वोटों की संख्या 12,57,821 तक पहुंच गई। जबकि चुनाव आयोग द्वारा बताया गया था की यहाँ लगभग 60% यानी 12,23,532 मत डाले गए हैं। डाले गए मतों का अंतर, मतदान प्रतिशत से मेल नहीं खाता, यहाँ गिने गए मत 34,289 ज्यादा हैं।
गुना में, जहां कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया हार गए, वहां 2,082 से अधिक वोट मिले और अमेठी में, जहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हार गए, 13,657 अतिरिक्त वोट ‘कास्ट’ हुए। ये प्रेत वोट कहां से आए?
बिहार में जहानाबाद लोकसभा सीट जनता दल (युनाइटेड) के चंदेश्वर प्रसाद ने 3,35,584 मत हासिल किए, और राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव के बीच करीबी मुकाबला देखा गया , जिन्होंने 3,33,833 मत हासिल । राष्ट्रीय जनता पार्टी (सेक्युलर) के उम्मीदवार, अरुण कुमार ने 34,558 वोट हासिल किए, जबकि बहुजन समाज पार्टी के नित्या नंद सिंह ने 19,211 वोट हासिल किए। अन्य लोगों ने मिलकर 98,879 वोट हासिल किए। जहानाबाद में कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 15,75,018 है, कुल 53.67% ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया और कुल वोटों की संख्या 8,22,065 थी। चिंताजनक बात यह है कि 24,507 वोटों की गिनती भी नहीं की गई और जेडी-यू के उम्मीदवार ने जीत हासिल की।
यूपी के बदायूं और फर्रुखाबाद निर्वाचन क्षेत्र में भी क्रमश: 9,405 और 3,260 वोट ज्यादा गिने गए । मध्य प्रदेश में, इंदौर, खंडवा, मंडला, सीधी, ग्वालियर, देवास, सतना, छिंदवाड़ा और मुरैना निर्वाचन क्षेत्रों सहित 29 संसदीय क्षेत्रों में लगभग 56,185 अतिरिक्त वोट मिले हैं ।
न्यूज़क्लिक का कहना है कि 24 मई को सीईसी के प्रवक्ता शेफाली शरण को बार-बार फोन करने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली । शरण ने भी एसएमएस संदेश का जवाब नहीं दिया।
ऐसे नतीजों के बाद राजनितिक प्रतिक्रियां भी आयी। बदायूं से सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने इस मामले की शिकायत की है। पटना साहिब से उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा ने भी 24 मई को एक समाचार एजेंसी को बताया कि “एक बड़ा खेल (बड़ा खेल हुआ है)” हुआ है।
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बेगूसराय से सीपीआई के उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने भी कहा है कि “मौजूदा स्थिति निश्चित रूप से संदेह के लिए बहुत जगह छोड़ती है, लेकिन मैं और मेरी पार्टी इस मुद्दे पर एक सामूहिक निर्णय लेंगे।
अब बारी चुनाव आयोग की है कि वह इस मामले पर क्या स्पष्टीकरण देता है। लेकिन इस तरह के आंकड़े आने के बाद देश की इस महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था की कार्यशैली पर सवाल तो खड़े हो ही रहे हैं।