Tuesday - 29 October 2024 - 5:38 AM

पंजाब में इसलिए नहीं चली मोदी लहर, कैप्टन अमरिंदर सिंह का जलवा कायम

पॉलिटिकल डेस्क

लोकसभा चुनाव 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है। पूर्व के कुछ राज्यों को छोड़ दिया जाए तो पूरे देश में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई है। हालांकि उत्तर भारत में पंजाब एक ऐसा प्रान्त है जहां मोदी लहर नहीं चली। यहां की 13 लोकसभा सीटों में से आठ पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है।

पंजाब में कांग्रेस के इस प्रदर्शन के लिए सूबे के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को श्रेय दिया जा रहा है। जब पूरे देश में मोदी लहर चली तो पंजाब में ऐसा क्या हुआ कि बीजेपी जीत नहीं सकी ? इस सवाल के जवाब में राजनीति के जानकर और वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि अमरिंदर सिंह की सैन्य पृष्ठभूमि बीजेपी और मोदी के राष्ट्रवाद पर भारी पड़ी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला के राजपरिवार से हैं और वर्तमान में पंजाब के मुख्यमन्त्री हैं।

उन्होंने चुनावों से पहले अपने मंत्रियों और विधायकों से स्पष्ट रूप से पार्टी उम्मीदवारों के लिए काम करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि इसमें विफल रहने पर उनके कैबिनेट पर भी असर पड़ सकता है।

बता दें कि पंजाब के चुनाव में 1984 दंगों को लेकर भी बीजेपी ने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की लेकिन इस मुद्दे की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने के कारण अमरिंदर सिंह को वोटों के ध्रुवीकरण का सामना करने मदद मिली।

प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा के एजेंडे का मुकाबला करने के लिए अपनी सैन्य पृष्ठभूमि का उपयोग किया और यह सफल रहा क्योंकि उनके साथी फौजी उनके संदेश से जुड़ गए।

इसके आलावा भाजपा-शिअद सरकार के दौरान साल 2015 में बेहबल कलां और कोटकपुरा गोलीबारी के मृतकों की याद में स्मृति स्थल बनाने का उनका वादा भी भाजपा-शिअद के लिए नकारात्मक साबित हुआ।

कैप्टन सिंह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी में जाने के बाद वे वर्ष 1963 में सेना में भर्ती हुए थे, लेकिन वर्ष 1965 में इस्तीफा दे दिया थ। वर्ष 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ने पर वह पुन: सेना में भर्ती हो गए तथा कैप्टन के रूप में सिख रेजीमेंट में युद्ध में भाग लिया।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com