जुबिली पोस्ट ब्यूरो
नयी दिल्ली। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के बाद जहां जीत- हार पर चर्चा चल रही है। वहीं सांसदों के रिकॉर्ड पर चौंकाने वाले खुलासे भी सामने आ रहे हैं। संसद पहुंचने वाले 542 सांसदों में 233 (43%) सांसदों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित हैं। इसमें से 159 (29%) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं।
चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी शोध संस्था ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) की ओर से लोकसभा चुनाव परिणाम की जारी अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार आपराधिक मुकदमों से घिरे नवनिर्वाचित सांसदों की संख्या में 2009 के बाद से 44% इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2009 के लोकसभा चुनाव में आपराधिक मुकदमे वाले 162 सांसद (30%) चुनकर आये थे, जबकि 2014 के चुनाव में निर्वाचित ऐसे सांसदों की संख्या 185 (34%) थी। एडीआर ने नवनिर्वाचित 542 सांसदों में 539 सांसदों के हलफनामों के विश्लेषण के आधार पर बताया कि 159 सांसदों (29%) के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, बलात्कार और अपहरण जैसे गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं।
पिछली लोकसभा में गंभीर आपराधिक मामलों के मुकदमों में घिरे सदस्यों की संख्या 112 (21%) थी, वहीं 2009 के चुनाव में ऐसे सांसदों की संख्या 76 (14%) थी। पिछले 3 चुनावों में गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे सांसदों की संख्या 109 फीसदी बढ़ी है।
कांग्रेस सांसद कुरियाकोस पर 204 मामले
नवनिर्वाचित सदस्यों में सबसे ज्यादा लंबित आपराधिक मामलों का सामना कर रहे सांसद कांग्रेस के डीन कुरियाकोस हैं। केरल के इडुक्की से चुने गए एडवोकेट कुरियाकोस ने हलफलनामे में बताया है कि उनके खिलाफ 204 आपराधिक मामले लंबित हैं। इनमें गैर इरादतन हत्या, लूट, किसी घर में जबरन घुसना और अपराध के लिये किसी को उकसाने जैसे मामले लंबित हैं।
भाजपा के 116 सांसद दागी
आपराधिक मामलों का सामना कर रहे सर्वाधिक सांसद भाजपा के टिकट पर चुनकर आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के 303 में से 301 सांसदों के हलफनामे के विश्लेषण में पाया गया कि साध्वी प्रज्ञा सिंह सहित 116 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं।
वहीं, कांग्रेस के 52 में से 29 सांसद आपराधिक मामलों में घिरे हैं। लोजपा के सभी 6 निर्वाचित सदस्यों, बसपा के आधे (10 में 5), जदयू के 16 में 13, तृणमूल कांग्रेस के 22 में 9 और माकपा के 3 में 2 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। इस मामले में बीजद के 12 निर्वाचित सांसदों में सिर्फ एक सदस्य ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की हलफनामे में घोषणा की है।