सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने बीसीए के सचिव के ऊपर जोरदार हमला करते हुए कहा है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोग्य साबित पदाधिकारीयों के साथ मिल कर बिहार क्रिकेट एसोसियेसन का सचिव किस कानून के तहत एक गैर निबंधनीत संस्था बिहार क्रिकेट एसोसियेसन का एजीएम कर रहा है ।
12 साल से विभिन्न पदो पर रहते हुए बिहार क्रिकेट एसोसियेसन का सचिव खुलेआम सुप्रीम कोर्ट के 9 अगस्त 18 के आदेश का मखौल उड़ा रहा हैा दूसरे लोगो पर तंज कसने के पहले जरा अपने घर मे झॉक के देखो कि एक नामचीन नेशनल चैनल पर स्टींग ऑपरेशन क्लीन बोल्ड के तहत पुरे विश्व क्रिकेट ने 20 फरवरी 19 को बीसीए के कारनामो ने तुम लोग को इतिहास के पन्नो मे दर्ज कर दिया है ।
पटना के गॉधी मैदान थाना मे दर्ज एफआईआऱ पर बिहार क्रिकेट एसोसियेसन के 2 पदाधिकारीयों का अग्रिम जमानत याचिका पटना के सिवील कोर्ट तथा माननीय पटना हाई कोर्ट के दूारा खारिज कर दिया गया है, आश्चर्यजनक रूप से आज के बैठक मे इस पर चर्चा नही होना एक बार पुनः शक की सूई सचिव तथा इनके लोगो के उपर सवालिया निशान लगा रही है ।
पिछले दो सालो के भीतर पटना हाई कोर्ट के दो दो माननीय अवकाश प्राप्त जजो को लोकपाल के पद से हटा दिया गया क्योंकि वे भ्रष्ट सचिव के इशारे पर काम नही किए । तारिकुर रहमान उतराखंड मे एडहोक कमिटी के चयन कर्ता है क्या वे बिहार के भी चयन कर्ता हो सकते हैं बड़ा सवाल है ।
अंत मे फिर कहुगॉ कि सीएबी के एतिहासिक लड़ाई के बाद बिहार क्रिकेट की वापसी 4 जनवरी 18 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुई थी। आज तुम अपनी पीठ थपथपा लो कल तुमको जेल जाने से कोई नहीं रोक सकता है इसकी तैयारी तुम लोगो ने खुद कर लिया है ।
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सीएबी अज भी अपने संकल्प पर कायम है कि बिहार के क्रिकेटरो के प्रतिभा को अनदेखी कर दूसरे राज्यो के खिलाड़ियों को बिहार मे नही खेलने दिया जाएगा ।