Monday - 28 October 2024 - 7:19 PM

पुराने लखनऊ में अक़ीदत से निकला गिलीम का जुलूस

स्पेशल डेस्क

मोहम्मद साहब के चचेरे भाई और पहले इमाम हजरत अली अ.स. की शहादत के गम में शहर के अलग-अलग जगहों पर मजलिस व मातम का सिलसिला आज से जारी हो गया है जो 21 रमजान तक जारी रहेगा।

19 रमज़ान को इराक स्थिति कूफा की मस्जिद में सुबह की नमाज अदा करने के दौरान हुए हमले की याद में शनिवार को राजधानी स्थिति सआदतगंज के रैज-ए-काजमैन स्थिति मस्जिद-ए-कूफा से गीलीम के ताबूत का जुलूस निकाला जाएगा। मौलाना मीसम जैदी ने बताया कि 19 रमजान को मस्जिदे कूफा में सुबह की नमाज के लिए कारी ताहिर नजमी अजान देंगे जिसके बाद मौलाना जहीर अहमद इफ्तेखारी नमाज अदा करांएगे। बाद नमाज होने वाली मजलिस को मौलाना मिर्जा मोहम्मद अशफाक खिताब करेंगे।

मजलिस के बाद गीलीम के ताबूत का जुलूस निकाला जाएगा जिसे अजादार हाथों पर लेकर मंसूरनगर, गिरधारी सिंह इंटर कालेज, टूरियागंज से मुडक़र नख्खास, अकबरी गेट होते हुए पाटानाला स्थिति हकीम मोहम्मद तकी के इमामबाड़े तक ले जाया जाएगा। पाटानाला पर पुरूष ताबूत को महिलाओं के हवाले कर देंगे और महिलाएं ताबूत को इमामबाड़े तक ले जाएंगी। यहां होने वाली अलविदाई मजलिस को मौलाना मीसम जैदी सम्बोधित करेंगे। इमामबाड़े में दो दिन तक दिन में औरतें और रात में पुरुष ताबूत की जियारत करेंगे।

इमामबारगाहों में मजलिसों का सिलसिला शुरू

साअदतगंज के रूस्तमनगर स्थिति सबीहे नजफ में शुक्रवार की शाम से  तीन दिन तक मजलिस का सिलसिला जारी रहेगा। सबीहे नजफ में वारिसान ताबूत हजरत अली अ.स. कमेटी की तरफ से मजलिस का सिलसिला शुरू होगा। कमेटी के सेक्रेटरी मुख्तार हुसैन जैदी ने बताया कि शुक्रवार की रात नौ बजे पहली मजलिस को मौलाना मिर्जा जाफर अब्बास सम्बोधित करेंगे। शनिवार को सुबह आठ बजे होने वाली मजलिस को मौलाना मिर्जा मोहम्मद अशफाक सम्बोधित करेंगे। वहीं रात नौ बजे से होने वाली मजलिस को मौलाना मीसम जैदी सम्बोधित करेंगे जिसके बाद शहर की अंजमुन हाय मातमी नौहाख्वानी और सीनाजनी करेंगे।

रविवार को सुबह आठ बजे वसीयत के विषय से होने वाली मजसिल को मौलाना मिर्जा  मोहम्मद अशफाक सम्बोधित करेंगे जिसके बाद अजुमन कमर बनी हाशिम नौहाख्वानी और सीनाजनी करेगी और रात आठ बजे दस्तए खबीबुल ईमान की तरफ से आयोजित होने वाली मजलिस को मौलाना यासूब अब्बास सम्बोधित करेंगे उसके बाद रात नौ बजे होने वाली मजलिस को मौलाना कल्बे जवाद नकवी सम्बोधित करेंगे।

दोनो मजलिस के बाद इदार-ए-तबलीग की तरफ से होने वाली मजलिस को मौलाना मिर्जा मोहम्मद अशफाक सम्बोधित करेंगे।
सोमवार को सुबह की नमाज के बाद अलविदाई मजलिस को मौलाना मिर्जा मोहम्मद अशफाक सम्बोधित करेंगे। मजलिस के बाद हसन मिर्जा का ताबूत के नाम से मशहूर 21 रमजान के ताबूत का जुलूस निकलेगा। जुलूस अपने पुराने रास्तों से होता हुआ कर्बला तालकाटोरा में जाकर समाप्त होगा।

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