न्यूज डेस्क
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने दावा किया है कि 2002 गुजरात दंगों के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बर्खास्त करना चाहते थे।
गुजरात दंगे से वाजपेयी बहुत आहत थे इसीलिए वह यह कदम उठाना चाहते थे लेकिन लालकृष्ण आडवाणी ने केंद्रीय गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देने की धमकी की वजह से वह खामोश हो गए। आडवाणी की धमकी के बाद मोदी की बर्खास्तगी रुक गई थी।
बीजेपी के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने यह बाते एक कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सही है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात में सांप्रदायिक दंगों के बाद यह तय कर दिया था कि नरेंद्र मोदी को इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गोवा में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हुई थी, जिसमें अटल मन बना कर गए थे कि मोदी इस्तीफा नहीं देंगे तो उनको वो बर्खास्त करेंगे। पार्टी में बकायदा इस पर मंत्रणा हुई थी, लेकिन आडवाणी के त्यागपत्र की धमकी की वजह से वह बात वहीं रूक गई।
अटल के समय में विचारधारा का टकराव नहीं था
पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी एवं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी अब पहले जैसी नहीं रही। अटल-आडवाणी के जमाने में विचारधारा का टकराव नहीं था।
वह उदारवादी दौर था, जो आज की बीजेपी में समाप्त हो चुका है। आज देश में असहिष्णुता का वातावरण होता जा रहा है।
पाकिस्तान का मुद्दा दुर्भाग्यपूर्ण
यशवंत सिन्हा ने कहा कि वर्तमान में हो रहे लोकसभा चुनाव एवं विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी ने पाकिस्तान को मुद्दा बनाया है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार जम्मू-कश्मीर के दो मुद्दे – धारा 370 एवं धारा 35 ए – को उठा रही है। इन दो मुद्दों से देश को बांटने का काम हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी एवं जीएसटी से देश की अर्थव्यवस्था खराब हुई है और बेरोजगारी बढ़ी है।