पॉलिटिकल डेस्क।
लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है वैसे-वैसे ही भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। देश के सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले सूबे यूपी में पहले से ही गठबंधन ने नरेंद्र मोदी के दोबारा पीएम बनने के सपने पर रोड़ा अटका रखा है।
वहीं अब प्रदेश के एक और बड़े नेता और बीजेपी के सहयोगी रहे ओमप्रकाश राजभर ने एक बयान जारी करते हुए सियासी भूचाल खड़ा कर दिया है।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओपी राजभर ने बीजेपी को बड़ा झटका देते हुए कहा है कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ की सरकार से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने बीजेपी पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमने बीजेपी से सारे रिश्ते तोड़ दिए हैं। मेरी पार्टी के 3 लोगों ने इस्तीफा दिया है। हम यूपी में शराबबंदी चाहते हैं और बीजेपी शराबबंदी नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन जीत रहा है।
राजभर ने बताया कि, “मैंने अपना इस्तीफा 13 तारीख को ही दे दिया था। मगर भाजपा मेरा इस्तीफा इसलिए स्वीकार नहीं कर रही है ताकि चुनाव में मेरे झंडे का इस्तेमाल कर सके।”
ओपी राजभर ने अपने बयान में बीजेपी को पूर्वांचल में कई सीट जितवाने का दावा भी किया है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में हमारी ताकत को देखते हुए बीजेपी ने हमें अपने साथ लिया।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के मतदान के बाद अब दो और चरण का चुनाव शेष है। इन दो चरणों में यूपी की जिन सीटों में चुनाव होना है। उनमें वह लोकसभा सीटें शामिल हैं जहां ओमप्रकाश राजभर का काफी प्रभाव है।
राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने प्रदेश के पूर्वांचल में पिछले कुछ वर्षों में बड़ी तेजी से अपने पांव पसारे हैं। इस क्षेत्र के चार जिलों घोसी, बलिया, मऊ और गाजीपुर में पार्टी के बड़ी संख्या में समर्थक है। ऐसे में ठीक मतदान से पहले यहां ओपी राजभर का बीजेपी से रिश्ते तोड़ लेना चुनाव परिणाम में उलट फेर कर सकता है।