मल्लिका दूबे
गोरखपुर। भाजपा के चाणक्य समझे जाने वाले, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पूर्वांचल की 13 संसदीय सीटों पर जारी जंग के लिए रविवार रात गोरक्षनगरी में तीन खास एजेंडों पर समीक्षा की। पोलिटिकल स्टेटस, पालिटिकल एनालिसिस और पोलिटिकल सिचुएशन के एजेंडे पर तेरह लोकसभा क्षेत्रों से जुड़े पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों व इन क्षेत्रों से जुड़े मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक में शाह ने हरहाल में सफलता के लिए अपने खास अंदाज में पेंच कसे।
विपक्षी दलों की मजबूती और अपनी कमजोरियों को पता किया। इन सभी क्षेत्रों में समीकरणों को समझा और हर लोकसभा क्षेत्र के लिए अपना चुनावी मंत्र दिया।
इस चुनाव के समीकरणों और गठबंधन की स्थिति पर रहा अधिक फोकस
रविवार रात गोरखपुर पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रीय महासचिव जगत प्रकाश नड्डा, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल के साथ गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ मंडल की 13 संसदीय सीटों गोरखपुर, बांसगांव, देवरिया, सलेमपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, डुमरियागंज, आजमगढ़, लालगंज, बलिया और घोसी की चुनावी तैयारियों पर विस्तार से समीक्षा की। इस दौरान उनका खास फोकस हर लोकसभा क्षेत्र में इस चुनाव में असरकारक समीकरणों पर रहा।
उन्होंने बैठक में मौजूद इन संसदीय क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वाले मंत्रियों और पदाधिकारियों से यह जाना कि वहां अभी पालिटिकल स्टेट्स क्या है। इस आधार पर बीजेपी की पोलिटिकल एनालिसिस करते हुए उन्होंने पालिटिकल सिचुएशन को अपने पक्ष में करने के टिप्स भी दिए।
लोकसभा क्षेत्रों के प्रभारी, संयोजक, जिलाध्यक्ष से एक-एक सीट की सामाजिक, राजनीतिक और जातीय समीकरण को जानने के साथ ही विपक्ष की मजबूती के साथ कमजोरी पर चर्चा की। उन्होंने गठबंधन के प्रत्याशी की रणनीति के बारे में बारी-बारी से फीडबैक लिया।
पिछले चुनाव में 13 में से 12 सीटें थी बीजेपी की
लोकसभा के पिछले चुनाव में गोरखपुर-बस्ती व आजमगढ़ मंडल की 13 संसदीय सीटों में से आजमगढ़ को छोड़कर बाकी सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। शाह ने समीक्षा बैठक में अपनी मंशा से अवगत कराते हुए सभी 13 सीटें जीतने का टारगेट दिया।
टारगेट को लेकर उन्होंने कई बार समीकरणों को लेकर सजग रहने की नसीहत दी तो यह भी समझाया कि अपने जो लोग भी रूठे हैं उन्हें हरहाल में मनाया जाए, समझाया जाए।
शाह ने यहां आगामी दिनों में लगने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों के लिए भी अभी से लग जाने की नसीहत देते हुए दो टूक कह डाला कि अब आराम का समय नहीं है।